राजस्थान: 1.35 करोड़ महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन, राहुल करेंगे योजना की शुरुआत

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को 17 दिसंबर को चार साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में सरकार ने अपनी योजनाओं और उपलब्धियों को लोगों के बीच ले जाने का फैसला किया है। इसे लेकर लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग जगह प्रदर्शनी लगाई जाएंगी। इसी कड़ी में गहलोत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक माने जाने वाले फ्री स्मार्टफोन योजना का भी शुभारंभ हो सकता है। यानी राजस्थान की 1.35 करोड़ महिलाओं को जल्द ही फ्री स्मार्टफोन मिलने का रास्ता साफ हो सकता है। 

सरकार से जुड़े सूत्रों की माने तो 18 दिसंबर को राहुल गांधी दौसा के सिकंदरा से योजना की शुरुआत कर सकते हैं। इससे पहले नवंबर महीने में इस योजना की शुरुआत होनी थी, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा और कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के चलते इसे टाल दिया गया था। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस योजना की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा वे सूचना जनसंपर्क विभाग के एप का शुभारंभ करेंगे। सरकार के कामकाज और उपलब्धियों की बुकलेट भी जारी कर सकते हैं। आइए अब हम गहलोत के मास्टर स्ट्रोक सीरीज की पहली कड़ी में महिलाओं को मिलने वाले स्मार्टफोन के बारे में जानेंगे।

स्मार्टफोन में क्या होगा?
गहलोत सरकार ने राजस्थान की 1.35 करोड़ महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन देने का लक्ष्य तय किया। इसके लिए सरकार ने 12 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है। महिलाओं को दिए जाने वाले स्मार्टफोन  नोकिया, सैमसंग और जियों कंपनी के होंगे। एक फोन की कीमत नौ हजार रुपये के करीब बताई जा रही है। मोबाइल फोन की खासियत ये होगी कि इसमें सरकारी सिम पहले से ही एक्टिवेट होगा। जिसमें तीन साल के लिए फ्री इंटरनेट और अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग की सुविधा होगी। इन मोबाइल में दूसरा सिम नहीं चल सकेगा। उसका स्लॉट पहले से ही बंद रहेगा। इन स्मार्टफोन की कीमत 9 हजार रुपए के आसपास बताई जा रही है।

किन महिलाओं को मिलेगी स्मार्टफोन? 
सरकार ने जनआधार कार्ड धारक परिवार की महिला मुखिया को ही फ्री मोबाइल फोन देने का फैसला किया है। प्रदेश में ऐसी महिलाओं की संख्या 1.35 करोड़ है, लेकिन जिन परिवारों का नाम चिरंजीवी योजना में जुड़ा हुआ है, सिर्फ उन्हीं परिवार की महिला मुखिया को फ्री स्मार्टफोन योजना का लाभ मिलेगा। योजना का लाभ लेने के लिए महिला का राजस्थान का मूल निवासी होना जरूरी है। इसके अलावा आधार कार्ड से मोबाइल नंबर भी जुड़ा होना चाहिए।  

कैसे होगा मोबाइल फोन का वितरण?
महिलाओं को स्मार्टफोन का वितरण करने के लिए सरकार ने पूरी योजना तैयार कर ली है। मोबाइल वितरण के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कैंप लगाए जाएंगे। मोबाइल बांटने के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं की भी मदद ली जाएगी। इसके लिए इन्हें पहले से ट्रेनिंग दे दी गई। इसके आलावा मोबाइल वितरण कैंपों में बीएसएलएल, जियो और एयरटेल के कर्मचारी भी तैनात रहेंगे, जो महिला लाभार्थी को मोबाइल के साथ सिम एक्टिवेट करके देंगे और मौके पर ही दस्तावेजों का ऑनलाइन वैरिफिकेश करेंगे। सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाएं महिला लाभार्थी को मोबाइल वितरण कैंपों में लाने का काम करेंगी। उन्हें मोबाइल में सरकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल की ट्रेनिंग देंगी। साथ ही मोबाइल में मौजूद सरकारी एप्स का इस्तेमाल कैसे करें इस बारे में भी बताएंगी। 

मोबाइल के साथ क्या नहीं कर सकेंगे?  
इन मोबाइल की खासियत ये होगी कि इसमें सरकार द्वारा दी गई सिम ही चलेगी। किसी दूसरी सिम का इस्तेमाल इसमें नहीं किया जा सकेगा। ऐसे इन स्मार्टफोन को इस्तेमाल महिला लाभार्थी या उसका परिवार ही कर सकेगा। इस स्मार्टफोन के बेचने पर रोक रहेगी। 

कब तक चलेगी योजना?
गहलोत सरकार की फ्री स्मार्टफोन योजना तीन साल तक चलेगी। सरकार ने प्रदेश की 1.35 करोड़ महिलाओं को मोबाइल देने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए 12 हजार करोड़ का बजट रखा गया है। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए 3500 करोड़ का बजट रखा है। स्मार्टफोन देने वाली वाली कंपनियों को भी तीन साल में किस्तों में पैसा दिया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि चुनाव से पहले सभी महिलाओं को स्मार्टफोन का वितरण कर दिया जाए। 

राहुल गांधी कर चुके हैं गहलोत की योजनाओं की तरीफ
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान को मॉडल की तरह प्रचारित कर रहे हैं। राहुल गांधी भी गहलोत सरकार की योजनाओं की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम, चिरंजीवी योजना, मुफ्त स्मार्टफोन योजना और शहरी रोजगार गारंटी योजना की मंच से कई बार तारीफ की है। गहलोत सरकार की इन योजनाओं को कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भी शामिल किया था, हालांकि चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। 

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