कानपुर देहात में पुलिस ने बेरहमी से लाठियों से पति को पीटा। करंट लगाया और हड्डियां तोड़ दीं। पिटाई के दौरान वो खूब चीखे चिल्लाएं होंगे। बलवंत की मौत के पांच दिन बाद उसकी पत्नी शालिनी का यह दर्द छलक रहा है। लालपुर सरैंया गांव में पुलिस हिरासत में मरे बलवंत के परिवार से जो भी मुलाकात करने आ रहा है, सभी से शालिनी पति पर हुए पुलिसिया जुल्म की कहानी सुनाते-सुनाते फफक पड़ती है।
कुछ देर बाद वह रोते हुए अपने कमरे की तरफ चली जाती है। शालिनी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हर रोज कोई न कोई नेता, समासेवी संगठन के लोग और पुलिस अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने लालपुर सरैंया गांव जा रहा है। कोई भी परिवार का दर्द जानने का प्रयास करता है तो माता-पिता व बहू की आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं। शुक्रवार को करणी सेना भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरू सिंह पीड़ित परिवार से मुलाकात करने पहुंचे थे।वीरू ने जैसे ही पूछा कि यह सब कैसे हो गया। तभी शालिनी ने बोलना शुरू किया। कहा कि उनको बहुत बेरहमी से मारा गया है। उनके हाथ बंधे हुए थे। वह खुद को बचाने के लिए बार-बार हाथ घुमा रहे होंगे, तो उनके हाथ से खून रिसा होगा। उसके निशान उनके हाथों पर थे। नाखून खींच कर तोड़ दिए गए थे, दर्द से वे कितना तड़पे होंगे। जब शालिनी अपना दर्द बयां कर रही थी तो बहुत मजबूर नजर आ रही थी। वह हर आने-जाने वाले को पति के दर्द को बताती है, जिससे कोई उसे इंसाफ दिला सके। शालिनी यह बातें कर रही थी तो उसकी आंखों से आंसू टपक रहे थे।
आतंकी को भी इतना नहीं पीटा जाता
बलवंत के पिता मुन्ना सिंह का कहना है कि जिस बेरहमी से मेरे लाल को मारा गया, इतना तो कोई आतंकी को भी नहीं मारता है। मां मामता ने रोते हुए कहा कि कोई मेरे लाल को लौटा दे। हमारे पूत ने किसी का क्या बिगाड़ा था, जो उसे पीटकर मार डाला। अब हमारी देखभाल कौन करेगा, कौन पालेगा इन बच्चों को। कोई हमारा लाल वापस ले आओ।
यह था मामला
शिवली के मैथा क्षेत्र में सराफा व खाद व्यापारी चंद्रभान सिंह को बाइक सवार बदमाशों ने छह दिसंबर को लूट लिया था। इस वारदात का खुलासा करने के लिए एसओजी व शिवली थाना पुलिस ने संदेह के आधार पर पांच लोगों को हिरासत में लिया था। इसमें चंद्रभान का भतीजा व व्यापारी बलवंत सिंह भी शामिल था। रनियां थाने में पूछताछ के दौरान पुलिस वालों ने बेरहमी से बलवंत को पीटा था। इससे उसकी जान चली गई थी। मामले में एसपी सुनीति ने 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित था। बलवंत हत्याकांड में तत्कालीन एसओजी प्रभारी निलंबित दरोगा प्रशांत गौतम, हेड कांस्टेबल दुर्वेश कुमार और कांस्टेबल सोनू यादव को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी। अभी इस मामले में चार पुलिस कर्मी फरार हैं। बलवंत प्रकरण की जांच कन्नौज एसपी के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है।