गूगल ने भारत में अपने सबसे बड़े इवेंट गूगल फॉर इंडिया 2022 में कई नए फीचर्स और प्रोडक्ट की घोषणा की। कंपनी ने अपने एप में नए अपडेशन और बदलाव भी जारी किए। कंपनी ने अपने डिजिलॉकर और गूगल पे में नए ट्रांजैक्शन सर्च फीचर को शामिल किया। गूगल फॉर इंडिया का 8वां एडिशन सोमवार 19 दिसंबर को दिल्ली के प्रगति मैदान में हुआ। इस इवेंट में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और सूचना और तकनीक मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित रहे। चलिए जानते हैं इस इवेंट में गूगल की प्रमुख घोषणाएं और फीचर्स के बारे में…
गूगल-पे में आया नया ट्रांजैक्शन सर्च फीचर
गूगल ने अपने इवेंट में डिजिटल पेमेंट एप गूगल-पे के लिए एक नया सिक्योरिटी फीचर ट्रांजैक्शन सर्च लॉन्च किया है। इस फीचर की मदद से यूजर्स को अपने ट्रांजैक्शन के बारे में जानने में मदद मिलेगी। साथ ही यूजर्स अपनी आवाज के जरिए भी ट्रांजैक्शन देख सकेंगे। कंपनी का कहना है कि गूगल-पे पर अब पहले से ज्यादा सिक्योरिटी मिलने वाली है और यूजर्स को क्षेत्रीय भाषा में भी अलर्ट मिल सकेगा।
प्रोजेक्ट वाणी
गूगल ने आर्टिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से एक AI/ML मॉडल बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए कंपनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के साथ पार्टनरशिप भी की है। इस प्रोजेक्ट को ‘प्रोजेक्ट वाणी’ नाम दिया गया है। प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को एकत्रित करके ट्रांसक्राइब किया जाएगा। कंपनी इसके लिए भारत के 773 जिलों से भाषा के ओपन-सोर्स सैंपल स्टोर करेगी।
डिजिलॉकर और फाइल्स होगा लिंक
गूगल ने डिजिटल डॉक्यूमेंट्स एप डिजिलॉकर में सुविधाओं को बढ़ाते हुए इसे गूगल शेयरिंग एप फाइल्स के लिए इंटीग्रेट कर दिया है। यानी यूजर्स फाइल्स एप के जरिए भी डिजिलॉकर एप के वेरिफाइड डिजिटल डॉक्यूमेंट को एक्सेस कर सकते हैं। बता दें कि डिजिलॉकर एक डिजिटल डॉक्यूमेंट्स एप है, जो कि रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तक में मान्य है।
गूगलरिमोट सेंसिंग
इवेंट में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बातचीत की। पिचाई ने कहा कि भारत में एग्रीकल्चर को एक नई दिशा देने के लिए गूगल रिमोट सेंसिंग क्षमताओं का उपयोग कर रहा है। इसके लिए कंपनी ने एक मॉडल विकसित किया है। फिलहाल इसकी टेस्टिंग तेलंगाना में की जा रही है। इस एआई आधारित मॉडल की मदद से बाढ़ जैसी आपदाओं की भविष्यवाणी करने और एग्रीकल्चर से संबंधित कार्यों में बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी। इन मॉडल की मदद से फसलों में हो रहे बदलाव और वर्तमान स्टेटस का भी पता लगाया जा सकेगा।
यूट्यूब कोर्सेस
गूगल यूट्यूब क्रिएटर्स के साथ मिलकर यूट्यूब कोर्सेस को लॉन्च करने वाला है। इसे अगले साल की पहली छमाही में लॉन्च किया जा सकता है। यूट्यूब कोर्सेस की मदद से कंटेंट क्रिएटर्स कोर्स को मॉनिटाइज कर पाएंगे।