बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘पठान’ के गाने ‘बेशर्म रंग’ पर विवाद गहराता जा रहा है। अब यह विवाद सोमवार को लोकसभा में भी पहुंच गया। दरअसल, बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले लोगों की आलोचना की है। उन्होंने यह सवाल किया है कि अगर सत्ता में बैठे लोगों को ही फिल्म पर प्रतिबंध लगाना है तो सेंसर बोर्ड का क्या काम है?
दानिश अली ने कहा, ‘यह एक नया चलन है। सरकार में बैठे लोग फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। उलेमा बोर्ड के किसी व्यक्ति ने कहा कि शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण की फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने का काम सेंसर बोर्ड का है और उन्हीं पर छोड़ देना चाहिए। हमारे सदस्यों में कई कलाकार हैं। सनातन धर्म इतना कमजोर नहीं है कि किसी के रंग लगाने से खतरे में पड़ जाए और न ही इस्लाम इतना कमजोर है कि कोई फिल्म इसे नुकसान पहुंचा सकती है।’
दानिश अली ने रंग में धर्म ढूंढने वाले लोगों को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रंग में भी धर्म ढूंढ़ रहे हैं। ये कैसे लोग हैं। अगर, फिल्मों को सर्टिफिकेट देने के लिए देश में सेंसर बोर्ड है तो फिर ये कौन लोग हैं, जो ऐसे मुद्दे उठाते हैं। फिल्म को बॉयकट की बात करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।
बसपा नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ दल यानी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कई लोग फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। वे दावा कर रहे हैं कि इससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। कई लोगों द्वारा फिल्म के कलाकारों को धमकियां भी दी जा रही हैं। ऐसे में दानिश अली ने सरकार से मांग की है कि जिस फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल गई है, उसे किसी तरह की धमकी नहीं दी जाए।