कानपुर देहात में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि थाने में परिवार के सामने बलवंत को पुलिस ने इतना पीटा कि उसकी जान चली गई। बलवंत की मौत साजिश है और इसकी जिम्मेदार पुलिस है। यह बातें उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कही। वह सोमवार को शिवली लालपुर सरैंया निवासी व्यापारी बलवंत के परिजनों से मिलने पहुंचे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं होने से पुलिस हिरासत में मौतें रुक नहीं रहीं। सरकार में झूठे मुकदमे, वसूली, लूट और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। उन्होंने बलवंत हत्याकांड मामले में अब तक पुलिस पर हुई कार्रवाई पर असंतोष जताया। कहा कि पहले भी पुलिस हिरासत में मौत पर आरोपियों को जेल भेजा गया है।
पुलिस से पीड़ित परिजनों को सरकार ने सरकारी नौकरी और एक करोड़ मुआवजा दिया है। पर, इस मामले में सरकार बलवंत की पत्नी के साथ न्याय नहीं करना चाहती है। उन्होंने मनीष गुप्ता हत्याकांड का नाम लिए बिना कहा कि कहीं घटना हो जाए तो वहां सरकार सरकारी नौकरी दे देती और बलवंत की पत्नी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी देना चाहती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग कि शालिनी को सरकारी नौकरी दी जाए। सरकार परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा दे। न्यायाधीश की निगरानी या फिर सीबीआई से घटना की जांच कराए। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि थाने में मारने की आजादी किसने दी। भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा मौतें पुलिस हिरासत में हुई हैं। इस मामले में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी सबसे आगे है।
इससे ज्यादा शर्मनाक नहीं हो सकता। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत के मामले को रोकने के लिए पुलिस को सोचना चाहिए। कोई जिला नहीं बचा, जहां पुलिस हिरासत में मौत न हुई हो। इससे पहले परिवार के लोगों ने अखिलेश को बताया कि बलवंत की जान जाने के बाद डॉक्टर से इलाज कराना चाहते थे।
रात भर शव लेकर घूमते रहे कि कहां शव को छोड़ें, जब परिवार के सदस्यों को जानकारी हुई तो शव मिला। परिवार के लोगों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी जाए। अखिलेश ने कहा कि सदन में भी सवाल को उठाएंगे। उन्होंने समाजवादी पार्टी की तरफ से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की मदद देेने की बात कही।
शालिनी ने अखिलेश को दिया चार मांगों का पत्र
बलवंत की पत्नी शालिनी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर मांग की थी कि मैं अपनी छोटी बहन हूं, आपको मेरी मदद के लिए घर आना होगा। इस पर अखिलेश सोमवार को लालपुर सरैंया गांव पहुंचे तो शालिनी ने उन्हें चार सूत्री मांग पत्र दिया। इसमें सरकारी नौकरी, आरोपियों को सजा, सीबीआई जांच और एक करोड़ रुपये की मांग का जिक्र है।
सपाइयों ने नारेबाजी कर की धक्का मुक्की
पूर्व मुख्यमंत्री अलिखेश यादव ने घर के बाहर बलवंत की फोटो पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद अलिखेश परिवार के मिलने चले गए। 20 मिनट तक परिवार और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच बात हुई। जब वह बाहर निकले तो कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए धक्कामुक्की की। इससे ग्रामीणों को परेशान होना पड़ा। इस दौरान लोगों में अखिलेश को चेहरा दिखाने की होड़ रही।
ये नेता रहे मौजूद
विधायक अमिताभ बाजपेयी, पूर्व सांसद राजाराम पाल, पूर्व एमएलसी कल्लू यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष वीरसेन यादव, निर्वतमान जिलाध्यक्ष प्रमोद यादव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुड्डन सिंह, कमलेश दिवाकर, नीरज सिंह गौर सहित अन्य मौजूद रहे।
मृतक की पत्नी की हालत बिगड़ी
सोमवार दोपहर 12 बजे शालिनी को चक्कर और उल्टी के साथ ब्लड प्रेशर लो की समस्या हुई। पूर्व सीएम अखिलेश के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए लगाए गए डॉक्टर ने शालिनी का उपचार किया। इसके बाद उसकी हालत में सुधार है।
छावनी में तब्दील हुआ गांव
पूर्व सीएम अखिलेश यादव के आने के पहले लालपुर सरैंया गांव छावनी में तब्दील हो गया। एसपी घनश्याम चौरसिया की देखरेख में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। मुख्य गली पर बैरिकेड भी लगाया गया। एडीएम प्रशासन केशवनाथ व एडीएम वित्त एवं राजस्व जेपी गुप्ता, एसडीएम मैथा महेंद्र कुमार, एसडीएम डेरापुर भी तैनात रहे। शिवली से लालपुर सरैंया तक अखिलेश यादव की फ्लीट निकलने के स्थानों पर पुलिस मुस्तैद रही। शिवली, मैथा नहर पुल व ब्लॉक के पास भारी वाहनों को रोका गया।