सीमेंट प्लांट: बरमाणा में प्रदर्शन, ट्रक ऑपरेटर बोले- बिना शर्त प्लांट शुरू करे अदाणी समूह

बीडीटीएस ट्रक ऑपरेटरों ने अदाणी समूह से बिना शर्त सीमेंट प्लांट शुरू करने की मांग की है। बुधवार को एसीसी कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच माल भाड़े को लेकर चला गतिरोध आठवें दिन में प्रवेश कर गया। बुधवार को भी ट्रक ऑपरेटरों ने बरमाणा में धरना प्रदर्शन किया। बीडीटीएस भवन से प्लांट के गेट तक रैली निकाली गई। गेट के सामने एकत्रित हुए ट्रक ऑपरेटर अदाणी समूह के खिलाफ खूब गरजे।  बीडीटीएस के पूर्व प्रधान लेखराम वर्मा ने कहा कि प्लांट बंद हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गया है। हर दिन ऑपरेटरों को करोड़ों का नुकसान उठाना वड़ रहा है। अदाणी ग्रुप दादागीरी कर रहा है। बिलासपुर के हितों की परवाह नहीं की जा रही।

हजारों ट्रक ऑपरेटरों की रोजी-रोटी पर संकट है। बरमाणा से गरामोड़ा तक हजारों ढाबे-होटल, पेट्रोल पंप, स्पेयर पार्ट्स, टायर पंक्चर और अन्य कारोबार से जुड़े लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है। ट्रांसपोर्टेशन रेट अधिक होने और लगातार घाटे का हवाला देते हुए अदाणी ने अंबुजा और एसीसी प्लांट बंद कर दिए हैं। एकजुट होकर सभी ऑपरेटर हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। जिला प्रशासन की मध्यस्थता में तीन दौर की वार्ताओं में कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। स्थिति यथावत रही तो लोन की किस्तें भरना मुश्किल हो जाएगा। 

अमर सिंह चौधरी ने कहा कि बीडीटीएस किसी भी तरह किराया कम नहीं होने देंगे। अदाणी ग्रुप ने ऑपरेटरों की मांगों पर गौर नहीं किया तो आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने मांग की कि अदाणी समूह सीमेंट कारखाने को नहीं चलाना चाहता तो सरकार खुद सीमेंट कारखाने को टेकओवर कर चलाए। बीडीटीएस के पूर्व प्रधान रमेश ठाकुर, सदस्य राकेश ठाकुर रॉकी, अमर सिंह चौधरी, कमल किशोर, मान सिंह, विकास भार्गव, संजीव चंदेल और आशीष ने भी संबोधित किया। 

दाड़लाघाट में भी खड़े रहे अंबुजा में ट्रक
अंबुजा सीमेंट प्लांट और ट्रक ऑपरेटरों के बीच मालभाड़े की दरों को लेकर चल रहे विवाद के बीच सातवें दिन भी कंपनी बंद होने से ट्रक खड़े रहे। वहीं उपायुक्त के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद अब ऑपरेटर भी आगामी रणनीति बना सकते हैं। हालांकि एसडीएम को बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं। मगर अब ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि यदि एसडीएम की बैठक भी बेनतीजा रहती है तो वह एक साधारण अधिवेशन बुलाकर आगामी रणनीति बनाई जाएगी।  जिसमें आंदोलन भी किया जा सकता है। उधर, इस बारे में बाघल लैंडलूजर के पूर्व प्रधान राम कृष्ण शर्मा ने बताया कि दाड़लाघाट में कार्यरत ट्रक ऑपरेटर यूनियन के पदाधिकारी व कंपनी प्रबंधन की बैठक अब एसडीएम की अध्यक्षता में होगी। गुरुवार को यह बैठक हो सकती है। अगर आगामी दिनों में होने वाली बैठक में कोई हल नहीं निकलता है तो ट्रक ऑपरेटरों को आगामी रणनीति के लिए साधारण अधिवेशन में बुलाकर अगली रूपरेखा तैयार की जाएगी।

सीमेंट विवाद को लेकर मुख्य सचिव ने दोनों डीसी के साथ की समीक्षा 

वहीं, एसीसी और अंबुजा सीमेंट ढुलाई विवाद को सुलझाने के लिए लेकर मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बुधवार के सोलन और बिलासपुर जिले के डीसी के साथ समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अदाणी और ट्रक यूनियनों के प्रतिनिधियों के बीच गुरुवार को दाड़लाघाट में दोनों डीसी को वार्ता कराने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर, अदाणी कंपनी को दूसरा नोटिस देने के बारे में सरकार ने अभी निदेशक उद्योग को कोई निर्देश नहीं दिए हैं।  जिला सोलन और बिलासपुर उपायुक्तों के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद मुख्य सचिव आरडी धीमान ने कहा कि डीसी के साथ दोनों जिलों के एसपी भी मौजूद रहेंगे।

कंपनी प्रबंधन और यूनियन के प्रतिनिधि आमने सामने बैठकर सीमेंट ढुलाई के रेट को लेकर उठे विवाद को सुलझाने को कह दिया है।  बताते हैं कि कंपनी प्रबंधन और ट्रक यूनियन के बीच सीमेंट ढुलाई रेट को लेकर उठे विवाद को सुलझाने को दोनों पक्ष सहमत हैं। अंबुजा और एसीसी प्लांट के शट डाउन होने से कंपनी और ट्रक मालिकों को हर रोज करोड़ों का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा सीमेंट प्लांटों के बूते अपना कारोबार करने वाले तीस हजार से अधिक प्रभावितों लोगों और उनके परिजनों के जीवन यापन पर भी संकट खड़ा है। 

अल्ट्राटेक कंपनी एक साल तक नहीं बढ़ाएगी सीमेंट के दाम
 अल्ट्राटेक कंपनी एक साल तक सीमेंट के दाम नहीं बढ़ाएगी। उद्योग विभाग और कंपनी अधिकारियों के साथ इस बारे में करार हुआ है। ट्रक भाड़े के हिसाब से रेट बढ़ा है। इसमें अंबुजा और एसीसी सीमेंट से अल्ट्राटेक सीमेंट 20 रुपये तक सीमेंट हुआ है। अदाणी समूह शिमला लोक निर्माण विभाग के लिए 379.50 रुपये और मनरेगा के विकास कार्यों के लिए 372 रुपये में सरकारी सीमेंट दे रहा है। दाड़लाघाट से शिमला की दूरी करीब 43 किलोमीटर है। अल्ट्राटेक कंपनी का प्लांट बिलासपुर – सोलन की सीमा बाघा पर है। यह दाड़लाघाट से 35 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में अब 78 किलोमीटर का ट्रक भाड़ा लगाया गया है, इसीलिए सीमेंट के दाम बढ़े हैं। 

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