जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू शहर के भगवती नगर में बाबा बंदा सिंह बहादुर की प्रतिमा लगाई जाएगी। इसके लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। जल्द इसे लगाए जाने का काम शुरू किया जाएगा। उपराज्यपाल सोमवार को वीर बाल दिवस के अवसर पर डिगियाना आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान उपस्थित संगत को संबोधित करते हुए उन्हें ये बातें कहीं।
इस दौरान उन्होंने पंजाबी भाषा को प्रदेश में राजभाषा दिए जाने की मांग पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में पंजाबी के विकास लिए प्रशासन की ओर से व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। जम्मू विश्वविद्यालय में गुरु नानक देव चेयर शुरू की गई है। स्कूल स्तर पर भी इस भाषा को पढ़ाया जा रहा है। जब अधिक लोग पंजाबी बोलना और पढ़ने लगेंगे तो ऐसा समय आने पर इस भाषा को भी प्रदेश की राजभाषा की सूची में शामिल किया जाएगा।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आगे कहा कि सिख समुदाय का गौरवशाली इतिहास है। देश के प्रति में भी इसका बड़ा योगदान है। गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों की शहादत को प्रदेश के बच्चों और युवाओं को भी पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस अवसर पर चार साहिबजादे, माता गुजरी और गुरु गोबिंद सिंह को नमन करते हैं। अतीत में जब समाज बटा हुआ था तो सिख गुरुओं ने इसे एकता में बांधा और विकास की राह पर आगे बढ़ाया। मतभेदों को मिटा कर एकजुटता के साथ समाज निर्माण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
बता दें कि प्रदेश में सिख समुदाय की तरफ से लंबे समय से जम्मू शहर के कुंजवानी चौक पर बाबा बंदा सिंह बहादुर की प्रतिमा लगाए जाने की मांग की जा रही है। साथ ही प्रदेश में पंजाबी को राजभाषा की सूची में शामिल किए जाने की मांग की जा रही है। दरअसल, जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से इंग्लिश, हिंदी, डोगरी, कश्मीरी, उर्दू को राजभाषा बनाया गया है।