हल्द्वानी अतिक्रमण केस: 50 हजार परिवार को राहत, तोड़फोड़ पर एससी की रोक

हल्द्वानी में 29 एकड़ जमीन खाली करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार को नोटिस भी जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण और तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है। कोर्ट की तरफ से सभी पक्षों को एक महीने का वक्त दिया गया है। इस एक महीने के दौरान सभी पक्ष अपने-अपने जवाब सौपेंगे।  7 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। वहां के लोगों ने कोर्ट के फैसले का तालियां बजाकर स्वागत किया है।

उच्चतम न्यायालय हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने रेलवे अधिकारियों द्वारा सात अप्रैल, 2021 की कथित सीमांकन रिपोर्ट पर विचार नहीं करने की गंभीर त्रुटि की है।’’ निवासियों ने दलील दी कि रेलवे और राज्य के अधिकारियों द्वारा अपनाए गए ‘‘मनमाने और अवैध’’ दृष्टिकोण के साथ-साथ उच्च न्यायालय द्वारा इसे बनाए रखने के कारण उनके आश्रय के अधिकार का घोर उल्लंघन हुआ है।  

 गौरतलब है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर को हल्द्वानी में बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण करके बनाए गए ढांचों को गिराने के आदेश दिए थे। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि अतिक्रमण करने वाले लोगों को एक सप्ताह का नोटिस दिया जाए, जिसके बाद अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए। बनभूलपुरा में रेलवे की कथित तौर पर अतिक्रमण की गई 29 एकड़ जमीन पर धार्मिक स्थल, स्कूल, व्यापारिक प्रतिष्ठान और आवास हैं। रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने नौ नवंबर, 2016 को 10 सप्ताह के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। 

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