आखिरकार अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) के स्पीकर पद के लिए विरोधी रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी केविन मैक्कार्थी चुन लिए गए। 15 वें दौर के मतदान में वे निर्वाचित घोषित किए गए। शनिवार को उन्होंने नैंसी पेलोसी की जगह संभाल ली। अपने पहले ही भाषण में पेलोसी की तरह उन्होंने भी चीन को निशाने पर लिया। उन्होंने एलान किया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बढ़ते प्रभाव पर सदन में चर्चा होगी।
केविन मैक्कार्थी 55वें स्पीकर चुने गए हैं। इसके साथ ही अमेरिका में कुछ दिनों से चल रही राजनीतिक अस्थिरता खत्म होने की उम्मीद है। 57 वर्षीय मैक्कार्थी, सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी की निवर्तमान स्पीकर नैंसी पेलोसी की तरह चीन के खिलाफ मुखर रूप से सामने आए हैं। पेलोसी ने चीन के तमाम विरोध के बाद भी ताइवान की यात्रा की थी। इसी तरह मैक्कार्थी ने स्पीकर का पद संभालते ही पहले भाषण में चीन को निशाने पर लिया।
नवनिर्वाचित स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने कहा कि वे देश पर सार्वजनिक कर्ज के मुद्दे को देखेंगे और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उदय पर चीन में चर्चा कराएंगे। बतौर स्पीकर पहले भाषण में मैक्कार्थी ने कहा कि वे चाहते हैं कि अमेरिका चीन के साथ आर्थिक प्रतिस्पर्धा जीत जाए। हम अमेरिका की दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करेंगे। कर्ज और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का उदय के मुद्दों पर सदन को एक स्वर में बोलना चाहिए।
मैक्कार्थी शनिवार आधी रात के बाद 15वीं बार हुए ऐतिहासिक मतदान में स्पीकर चुने गए। मैक्कार्थी ने हकीम सेकोउ जेफ्रीस को 216 के मुकाबले 212 मतों से हराया। बता दें, 8 नवंबर को हुए मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने बहुमत खो दिया था। 435 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी की सीटें घटकर 212 रह गईं, जबकि रिपब्लिकन पार्टी की बढ़कर 222 सीटें हो गईं। इसके बाद पेलोसी ने स्पीकर पद छोड़ने की मंशा जताई थी।
ट्रंप को 1 वोट मिलने पर उड़ी थी खिल्ली
इससे पूर्व गुरुवार को हुए मतदान के दौरान रोचक वाक्या सामने आया था, जिस पर पूरा सदन ठहाके मारकर हंसा था। मतदान में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मात्र एक वोट मिलने पर उनकी खिल्ली उड़ाई गई थी। ट्रंप को एकमात्र वोट फ्लोरिडा के एक रिपब्लिकन मैट गेट्ज ने दिया था। गेट्ज ने 11वें दौर के मतदान में औपचारिक रूप से ट्रंप को हाउस स्पीकर के लिए नामित किया था।
164 साल में बनी ऐसी स्थिति
अमेरिकी हाउस के 164 साल के इतिहास में पहली बार स्पीकर के चुनाव में ऐसी स्थिति बनी कि 15 बार मतदान कराना पड़ा। 1923 के बाद पहली बार स्पीकर के चुनाव के लिए कई बार मतदान कराया गया।