इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रसड़ा के बसपा विधायक उमाशंकर सिंह व 10 अन्य को बड़ी राहत दी है। उनके खिलाफ अपर सत्र अदालत बलिया में बैंक धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के आरोप में चल रहे आपराधिक केस को रद्द कर दिया है। अदालत ने पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर केस वापस करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि केस वापसी अर्जी से पहले हाईकोर्ट से अनुमति नहीं ली गई है। कोर्ट ने अपर सत्र अदालत बलिया के आदेश 30 सितंबर 22 को भी रद्द कर दिया है और लोक अभियोजक की धारा 321 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत केस वापसी अर्जी मंजूर कर ली है।
कोर्ट ने कहा 2008 में हुई धोखाधड़ी मामले में चार्जशीट पर 2023 तक आरोप निर्मित नहीं किया जा सका। शिकायतकर्ता अभियोजन का विरोध कर रहा है। आरोपी के पक्ष में अर्जी दी है। ऐसे में आरोपियों को सजा नहीं दी जा सकेगी। केस को चलाने में कोर्ट के समय की बर्बादी ही होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने विधायक उमाशंकर सिंह व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
देव कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर देव नंदन हैं। इन्होंने जिला सहकारी बैंक भृगु आश्रम के सचिव प्रबंधक को शिकायत की थी। कहा था, उनकी कंपनी का पैसा उसी नाम से दूसरा खाता खोल धोखाधड़ी कर निकाल लिया गया है। जिसकी जांच के बाद कोतवाली, बलिया में बैंक की तरफ से 21 मई 2010 को एफआईआर दर्ज कराई गई। सीबीसीआईडी ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। याची सहित अन्य आरोपित किए गए। आरोपी जमानत पर हैं। शिकायतकर्ता व आरोपियों के बीच सुलह हो गई। जिलाधिकारी ने संयुक्त निदेशक अभियोजन प्रयागराज को धारा 321 में केस वापसी की अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया। दाखिल अर्जी कोर्ट ने निरस्त कर दी। जिसे चुनौती दी गई थी।