झाबुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को झाबुआ में परमार्थ की समृद्ध परंपरा हलमा में शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री चौहान भोपाल से यहां गैती साथ में लेकर पहुंचे थे। वे गैंती के साथ हैलिकॉप्टर से उतरे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वनवासी समाज की हलमा परंपरा को समूचे मध्य प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा। सरकार, समाज के साथ मिलकर काम करेगी और मिट्टी तथा जल बचाने का जतन कर पर्यावरण को संरक्षित करेगी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाथीपावा पहाड़ी में श्रमदान भी किया। उन्होंने यहां जल संरक्षण के लिए बनाए जा रहे गड्ढे के लिए गैंती चलाई। उन्होंने पहाड़ी में पीपल के वृक्ष का रोपण भी किया। शिवगंगा अभियान के महेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हलमा में शामिल होकर राजधर्म का परिचय दिया है। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि पुराने समय में इस हलमा परंपरा से हज़ारों की संख्या में तालाब बनते थे। जिसमें राजा इसी तरह शामिल होकर श्रमदान करते थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार और समाज मिलकर खड़े हो जाएं तो समूचा परिदृश्य बदल सकता है। समाज के संकल्प को सरकार के संसाधन मिलेंगे तो हम एक नया परिदृश्य निर्मित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वनवासी समाज की हलमा परंपरा अद्वितीय है। यह संकट में खड़े मनुष्य की सहायता का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि हलमा कि इस परंपरा को समूचे मध्य प्रदेश में विस्तारित करते हुए जल संरक्षण, मिट्टी संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण का कार्य करेंगे। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनों को इस आशय का संकल्प भी दिलाया।