सीसीटीवी से जासूसी कर सकता है चीन! कांग्रेस विधायक ने पीएम से की बैन की अपील

अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में विधायक ने मांग की है कि प्रधानमंत्री सरकारी कार्यालयों में चीनी सीसीटीवी कैमरे लगाने पर प्रतिबंध लगाएं। साथ ही विधायक ने अपील की है कि सरकार लोगों को जागरुक करने के लिए कैंपेन चलाए कि वह अपने घरों में चीनी सीसीटीवी कैमरे ना लगवाएं। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश की पासीघाट पश्चिम विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक  निनोंग एरिंग ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इंडिया टुडे की रिपोर्ट ‘The China Snooping Menace’ का हवाला दिया है और भारत में चीनी सीसीटीवी कैमरों के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की है। विधायक का कहना है कि चीन के सीसीटीवी कैमरे उसके लिए आंख और कान का काम कर रहे हैं। 

विधायक ने चीनी सीसीटीवी कैमरों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया है। विधायक ने लिखा कि मौजूदा समय में जब चीन लगातार एलएसी पर आक्रामकता दिखा रहा है, तब वह हमारे आईटी के बुनियादी ढांचे पर भी हमला कर रहा है। ऐसे में भारत को चीन के इस खतरने से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए। विधायक ने लिखा कि अमेरिका की एक खूफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक की जून 2022 में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि चीनी हैकरों द्वारा कई बार भारत चीन सीमा पर स्थित लद्दाख के इलाकों में सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को हैक करने की कोशिश की। ये लोड सेंटर्स इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को कंट्रोल करने और वितरित करने के लिए जिम्मेदार हैं।  

कांग्रेस विधायक ने पत्र में ये भी बताया कि सीसीटीवी नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट प्रोटोकॉल और डीवीआर को भी चीनी हैकर्स हैक कर सकते हैं। पत्र में लिखा है कि देश में इस समय करीब 20 लाख सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जिनमें से 90 फीसदी चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा बनाए गए हैं। चिंताजनक बात ये है कि इनमें से आधे से ज्यादा सरकारी कार्यालयों में लगे हैं। विधायक ने तुरंत चीनी सीसीटीवी कैमरों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। साथ ही प्रधानमंत्री से अपील की कि लोगों को इस मुद्दे पर जागरुक किया जाए कि वह अपने घरों में चीनी सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल ना करें। 

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