दिल्ली। लोकसभा में राहुल गांधी के अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में टिप्पणी करने के बाद भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे पर पलटवार करते हुए उन पर फर्जी डिग्री लेने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को बजट भाषण के दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार समिति के सामने अपना पक्ष रखते हुए राहुल की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा राहुल की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने के बावजूद अब भी उनके और कांग्रेस के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनलों पर उपलब्ध हैं।
निशिकांत दुबे के इस भाषण के बाद महुआ मोइत्रा ने उन पर फर्जी एमबीए और पीएचडी की डिग्री हासिल करने का आरोप लगाया है। महुआ ने अपने एक ट्वीट में लोकसभा अध्यक्ष से सवाल करते हुए पूछा- शपथ पत्र पर झूठ नहीं बोलना है। क्या डीयू के एफएमएस से फर्जी एमबीए की डिग्री लेना और फिर फर्जी पीएचडी करना भी लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने का आधार नहीं है? विशेषाधिकार समिति क्या आप इस बात को सुन रहे हैं?
बता दें कि साल 2020 में झारखंड उच्च न्यायालय में निशिकांत दुबे के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी। उन पर चुनाव नामांकन पत्र में कथित तौर पर फर्जी डिग्री जमा करने का आरोप लगा था। हाईकोर्ट में उनके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई थी।
झारखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि भाजपा सांसद ने 2009, 2014 और 2019 के आम चुनावों में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी थी। उन्होंने फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए पास किया, लेकिन आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेजों के सत्यापन से साबित होता है कि उन्होंने न तो प्रवेश लिया है न ही उसने उस संस्थान से एमबीए पास किया है।