हरियाणा के यमुनानगर के शादीपुर में मदरसा के सामने सोमवार को एक मकान ढह गया। जब मकान ढहा तो उसके बाहर मिस्त्री प्लस्तर कर रहे थे। छत कच्ची होने के कारण उसके नीचे दो बहने दब गई। तीनों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया। एक युवती के सिर, कंधे व टांग में हल्की चोट लगी है। जिसका उपचार डॉक्टर के पास कराया गया।
गांव शादीपुर निवासी फुरकाना ने बताया कि उसके घर की छत कच्ची थी। सोमवार दोपहर उसकी बेटी मुस्कान अपनी बहन के साथ घर के अंदर खाना बना रही थी। उसी दौरान अचानक घर की छत गिर गई। घर के बाहर की दीवार पर मिस्त्री प्लस्तर कर रहा था। जब घर की छत गिरी तो बाहर काम कर रहे मिस्त्री ने शोर मचा दिया।
जिस पर आसपास के लोग वहां पर दौड़े आए। उन्होंने मिट्टी के मलबे के नीचे दबी मुस्कान व उसकी बहन को बाहर निकाला। मुस्कान के सिर में छत में लगी लकड़ी की कड़ी लगी। जिससे वह घायल हो गई। छत के नीचे दबने से घर में रखा सारा सामान, बर्तन भी खराब हो गए। फुरकाना ने बताया कि उसका पति राशिद अली 10 साल से बीमार है।
वह ठीक से चल भी नहीं पाते। वह दोपहर को डॉक्टर के पास दवा लेने गया हुआ था। वह भैंस का दूध बेच कर या फिर मजदूरी करके परिवार का गुजारा कर रही है। अब घर की छत टूटने से उसका सबकुछ बर्बाद हो गया। उसके पास रहने का भी ठिकाना नहीं रहा।
पड़ोस में रहने वाली सोना देवी ने बताया कि फुरकाना बहुत ही गरीब परिवार से है। इसलिए प्रशासन को उसकी मदद करनी चाहिए। बिना छत के वह कहां रहेगी। दो माह बाद ही उसकी बेटी का निकाह भी है।
बेटी के निकाह का सामान भी मलबे में दबा
फुरकाना ने बताया कि उसके पास तीन लड़कियां व दो लड़के हैं। उसकी सबसे बड़ी बेटी का निकाह दो माह बाद होना है। इसलिए घर की बाहर की दीवारों पर प्लस्तर करवा रहे थे। बेटी के निकाह के लिए बैड, वाशिंग मशीन, फ्रिज व अन्य सामान खरीद कर रखा था। इस सामान को खरीदने के लिए उसने दिनरात मेहनत की थी। परंतु छत नीचे गिरने से बेटी के निकाह का सारा सामान मिट्टी में दब कर खराब हो गया। वहीं पति बीमार होने के कारण हर वक्त घर में चारपाई पर लेटा रहता है। यदि वह दवाई लेने नहीं गया होता तो वह भी छत के नीचे दब जाता।