ऊर्जा कर्मियों द्वारा मांगों को न मांगे जाने पर हड़ताल करने की धमकी

मुजफ्फरनगर। जिले में बुधवार को ऊर्जा निगम अपनी मांगों को लेकर सर्किल ऑफिस में धरना पशुरू कर दिया है। ऊर्जा निगम कर्मियों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री के साथ 3 दिसंबर को हुए लिखित समझौते को प्रबंधन के टालमटोल वाले रवैए के चलते लागू नहीं किया जा रहा। ओबरा और अनपरा की नई इकाइयां एनटीपीसी को देने व पारेषण के निजीकरण को लेकर उनका विरोध है। सारी बातों को लेकर ऊर्जा निगम कर्मियों ने धरना देते हुए प्रदर्शन किया।

सर्किल ऑफिस में दिए गए धरने के दौरान संयोजक इंजीनियर मुकेश मुकीम ने कहा कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के चलते बड़े टकराव को टालने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की अपील की जा रही है।

उन्होंने कहा कि बुधवार को आम सभा के माध्यम से मुख्यमंत्री से ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वच्छ वातावरण बनाए जाने के लिए हस्तक्षेप की प्रभावी अपील की गई है। ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और मुख्यमंत्री के साथ 3 दिसंबर को हुए समझौते का क्रियान्वयन न होने से बिजली कर्मियों में भारी रोष है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि समझौते के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा ऊर्जा निगम के चेयरमैन का रवैया है। उन्होंने कहा कि वह ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को मानने से इंकार कर रहे हैं। आरोप लगाया कि ऊर्जा निगम के चेयरमैन का रवैया इतना नकारात्मक है कि शक्ति भवन में उपस्थित रहते हुए भी अपर मुख्य सचिव से संघर्ष समिति की वार्ता नहीं हो रही।

72 घंटे की हड़ताल का दिया अल्टीमेटम

चेतावनी दी कि यदि 16 मार्च तक ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं किया गया तो गुरुवार की रात्रि 10 बजे से उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगम के तमाम बिजली कर्मचारी जूनियर इंजीनियर, अभियंता एवं निविदा तथा संविदा कर्मी 72 घंटे की हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे। बुधवार को 10:00 बजे से हड़ताल प्रारंभ करने की घोषणा करते हुए 16 मार्च रात के 10:00 बजे तक बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार की भी घोषणा की। इस मौके पर एसडीओ आई पी सिंह, जेई विनीत अरोरा शामिल रहे।

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