मध्य प्रदेश : मोहन भागवत ने भारत-पाक विभाजन को बताया कृत्रिम

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारत-पाकिस्तान के विभाजन को कृत्रिम बताया। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ उस भारत से इस भारत में आए हैं। पूरा हिंदुस्तान हमारा है। हमें अपनी जमीन को नहीं भूलना चाहिए। भागवत भोपाल में अमर शहीद हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि प्रदेश में सिंधी संस्कृति संग्रहालय बनेगा। उन्होंने कहा कि मप्र की पाठ्य पुस्तक में सिंधी महापुरुषों को पढ़ाया जाएगा। सम्राट दाहिर सेन, हेमू कालाणी की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी।

भेल दशहरा मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर के साथ ही विदेशों से भी सिंधी समाज के लोग पहुंचे। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत और सीएम शिवराज ने यहां लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

हम सिंधु सभ्यता को नहीं भूल सकते: मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि हमको नया भारत बसाना है। भारत खंडित हो गया है। जरूरी नहीं कि हम मन से उसे छोड़ें, हमारे साथ उस भूमि का जुड़ाव बना रहे। हम सिंधु सभ्यता को नहीं भूल सकते। सिंधु नदी के सूक्त वेदों में हैं। ये नाता हम नहीं तोड़ सकते। हम सिंध प्रदेश को नहीं भूलेंगे। क्योंकि ये विभाजन कृत्रिम है। आज जिसको हम पाकिस्तान कहते हैं, उसके लोग कह रहे हैं कि गलती हो गई। ये सब मानते हैं। अपनी हठधर्मिता के कारण भारत से अलग हो गए, संस्कृति से अलग हो गए। क्या वे सुखी हैं?

वहां फिर से भारत बसा सकते हो

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत के साथ रहने के लिए जो यहां आए, उन्होंने पुरुषार्थ से खुद को खड़ा कर लिया। अखंड भारत सत्य है, खंडित भारत दु:स्वप्न है। वहां फिर से उस भारत को बसाना पड़ा है। फिर से बारी आएगी, तो आप वहां भारत को बसा सकते हो, इसलिए पहली आवश्यकता है कि उनके जीवन की प्रमाणिकता को ध्यान में रखना। उनकी देशभक्ति को ध्यान में रखना। सर्वस्व त्याग के लिए उनकी जो तैयारी थी, उसे ध्यान में रखना। ये पहली आवश्यकता है। सिंध को नहीं भूलना यानी नई पीढ़ी का लगाव वहां से जोड़ना पड़ेगा, इसलिए समाज के साथ कदम से कदम बढ़ाना।

सहायता के लिए तत्पर है आएसएस

मोहन भागवत ने कहा कि आदिकाल से देश के प्रगति के प्रथम कदम से सिंधु और सिंध का सहभाग रहा है। आज भी वो आपको होना पड़ेगा। सुविधाओं का दौर चलता रहेगा। संपूर्ण दुनिया को सुख-शांति देने वाला भारत चलते रहना चाहिए। सिंध, सिंधु और सिंधी बढ़ेगा, और चमकेगा। उतार चढ़ाव चलते रहेंगे, लेकिन हम कभी मिटेंगे नहीं। क्योंकि हम स्वार्थों और अहंकारों के साथ नहीं रहते। हम प्रयोजन के साथ चलते हैं। नई पीढ़ी को इसका भान हो। वो भटके नहीं, इसकी चिंता करें। सिंधी समाज में पुरुषार्थ देखने को मिलता है। आरएसएस आपकाे सदा सहायता के लिए तत्पर मिलेगा।

सीएम का ऐलान- 1 प्रतिशत मूल्य लेकर पट्‌टे किए जाएंगे वैधानिक

सीएम शिवराज ने कहा कि हेमू कालाणी की जीवनी सिलेबस में शामिल की जाएगी। बच्चाें को सिंधी समाज के संतों से रूबरू कराएंगे। अगले महीने से सिंधु दर्शन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए 25 हजार रुपए प्रति तीर्थयात्री अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश में सिंधी साहित्य अकादमी का बजट बढ़ाकर 5 करोड़ किया जाएगा। मनुआभान की टेकरी पर हेमू कालाणी की प्रतिमा लगाई जाएगी। जबलपुर, इंदौर में सिंधी बाहुल्य क्षेत्रों में हेमू कालाणी की प्रतिमा लगाई जाएगी।

प्रदेश में सिंधी संस्कृति का संग्रहालय बनेगा। 1614 वर्ग फीट के मकान को 1 प्रतिशत मूल्य लेकर पट्‌टा वैधानिक किया जाएगा। इसी तरह दुकान को भी वैध किया जाएगा। आज ही इसके आदेश निकाल दिए जाएंगे।

सिंधी समाज की शख्सियतों का सम्मान

कार्यक्रम के दौरान सर संघचालक मोहन भागवत और सीएम शिवराज सिंह ने समाज के गौरव पद्मश्री सुरेश आडवाणी, टेक महिंद्रा ग्रुप के सीईओ सीपी गुडनानी को सम्मानित किया। साथ ही मनोहर शेरवानी का सम्मान भी किया। वे पुणे में नि:शुल्क डायलिसिस सेंटर चलाते हैं। पॉलिकेब इंडस्ट्रीज के चेयरमैन व डायरेक्टर इंदर जयसिंघानी का भी सम्मान किया गया। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से उनके प्रतिनिधि ने सम्मान प्राप्त किया। इसके अलावा, दुबई में रहने वाले उद्याेगपति राम बक्सानी काे सम्मानित किया गया।

सिंधी सभ्यता की दिखी झलक

कार्यक्रम में लगाई गई प्रदर्शनी में अखंड भारत यानी जब भारत पाकिस्तान एक ही देश हुआ करते थे, उस वक्त सिंध प्रांत में निवासरत सिंधी समाज के लोगों की जीवनशैली, सभ्यता, संस्कृति देखने को मिली। इस प्रदर्शनी में भारत-पाकिस्तान बंटवारे में अपनी जन्मभूमि से जुदा हुए सिंधी समाज के लोगों का दर्द भी नजर आया। इसके अलावा सैकड़ों साल पुरानी सिंधु घाटी की सभ्यता हड़प्पा संस्कृति और मोहनजोदड़ो की झलक भी दिखाई दी।

आजादी के लिए कुर्बान हुए सिंधी योद्धाओं की जीवनी दिखी

भेल दशहरा मैदान पर अब तक की सबसे बड़ी सिंधी प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें अमर शहीद हेमू कालाणी के बलिदान की गाथा दिखी। इसके अलावा आजादी के आंदोलन में शहीद हुए सिंधी समाज के दूसरे वीर योद्धाओं की वीर गाथा भी दिखाई गई है। इसके अलावा सिंधी समाज के खानपान, पहनावे, गीत, संगीत भी प्रदर्शित किया गया। अखंड भारत (जब भारत और पाकिस्तान एक ही देश हुआ करते थे।) का नक्शा रंगोली के जरिए बनाया गया।

भारत के अलावा पाकिस्तान, अमेरिका और दुबई समेत कई देश से आए

सिंधु समागम में भारत के सभी राज्यों से सिंधी समाज के लोग भोपाल आए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान, अमेरिका, लंदन, दुबई सहित दुनिया भर में बसे सिंधी समाज के लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भोपाल आए। ये अब तक का सबसे बड़ा सिंधी समाज का समागम है।

एक साल से चल रहे देश भर में कार्यक्रम

अमर बलिदानी हेमू कालाणी जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर भारतीय सिंधु सभा और सिंधु पंचायत संस्थाएं देश में अलग-अलग प्रकार से सेलिब्रेशन कर रही हैं। 23 मार्च 2022 से इस जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत हुई थी। इसके समापन को लेकर देश भर में अलग-अलग तरीके से रथ यात्राएं, तमाम प्रतिस्पर्धा हो रहीं हैं। अमर बलिदानी हेमू कालाणी की शहादत और उनके इतिहास के बारे में समाज के हर वर्ग को परिचित कराने के लिए भोपाल में यह कार्यक्रम हुआ। देश भर की 400 सिंधी शाखाएं, मध्य प्रदेश और देश भर से करीब एक लाख लोग इस कार्यक्रम में शामिल होकर अमर बलिदानी को सच्ची श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

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