हिमाचल : चंबा मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं खत्म

पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा में वैश्विक महामारी के दौरान अपनी सेवाएं दे चुकीं 80 स्टाफ नर्सों समेत 150 आउटसोर्स कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इससे अब आउटसोर्स कर्मचारियों को अपने और परिवार के भविष्य की चिंता सताने लगी है। आउटसोर्स कर्मचारियों ने शासन और प्रशासन को चेताया है कि यदि उन्हें दोबारा जल्द नौकरी पर नहीं रखा गया तो वे आंदोलन की राह पर चलने के लिए विवश हो जाएंगे। जिसकी पूरी जिम्मेवारी शासन-प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की होगी।

मेडिकल कॉलेज चंबा से निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारियों में अजहर शेख, सुनील कुमार, अर्शा बडोतरा, सीमा सेठी, पूजा, वनिता, कुलसुमा, काजल, मीना, कानन, सीखा, मंजुला, किरण ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब लोग अपने घरों में कैद रहे। तब वे अपने बच्चों परिवार को छोड़ कर सेवाएं देने के लिए 24 घंटे तैनात रहते आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सोमवार दोपहर 1:00 बजे के बाद उन्हें बताया गया कि आपका अनुबंध खत्म हो चुका है। कहा कि नौकरी छीनने से उनके परिवारों पर आर्थिक संकट के बादल छा गए हैं।

कहा कि 2020 में महामारी के दौरान उनकी सेवाएं ली गई। बताया कि उनकी इस नौकरी से ही उनका परिवार चलता है, बच्चों की पढ़ाई समेत परिवार का खर्च चलता आ रहा है। बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हुआ है लेकिन इस संबंध में उन्हें कोई भी लिखित आदेश नहीं मिले हैं। कर्मियों के अनुसार मुख्यमंत्री ने आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवाविस्तार देने की बात कही है लेकिन अभी तक उन्हें इस संबंध में आदेश नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी के दौरान सेवाएं देने के बाद भी इस प्रकार के फरमान समझ से ही परे हैं। मेडिकल कॉलेज चंबा के एमएस डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों के सेवा विस्तार संबंधी कोई अधिसूचना नहीं आई है। लिहाजा उनकी सेवाएं बंद की गई हैं।

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