कर्नाटक में होने वाले विधानसभा के चुनावों को अब एक महीने का वक्त बचा है। सियासी गुणा गणित में भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस पहले से ही लगी हुई हैं। कौन नेता किस पार्टी को ज्वॉइन करने वाला है, इस पर भी सभी सियासी दलों की निगाह बनी हुईं हैं। फिलहाल कांग्रेस ने कर्नाटक के सियासी समर में भाजपा की एक भी लिस्ट जारी न होने से पहले अब तक प्रत्याशियों की दो लिस्ट जारी कर दी हैं। गुरुवार को जारी हुई कांग्रेस की 42 उम्मीदवारों की लिस्ट से कर्नाटक के सियासी गलियारों में एक बार यह चर्चा फिर से शुरू हुई है कि क्या कांग्रेस भी भाजपा की तरह बागी उम्मीदवारों को अपना प्रत्याशी बनाकर सियासी दांव चल रही है। क्योंकि गुरुवार को जारी हुई लिस्ट में भाजपा और जेडीएस के बागी नेताओं को भी कांग्रेस ने टिकट देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
कांग्रेस निकली भाजपा से आगे
गुरुवार को जारी हुई कांग्रेस की 42 उम्मीदवारों की लिस्ट में तीन भाजपा और एक जेडीएस के बागी नेता के अलावा पिछले चुनाव में निर्दलीय तौर पर लड़े एक नेता को कांग्रेस ने अपने दल में शामिल करते हुए उनको सियासी अखाड़े में उतारा है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार सुदर्शन कहते हैं कि कर्नाटक में इस बार की सियासत थोड़ी अलग तरीके की देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि जिस तरीके से पिछले चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार तो बना ली थी, लेकिन सियासी उथल-पुथल में वह सरकार नहीं चला पाए थे। इस बार कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए अपनी सभी सियासी गोटियां सेट कर रही है। वह कहते हैं कि कांग्रेस ने हमेशा की तरह एक बार फिर सबसे पहले अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। कांग्रेस ने इस बार उन बागी नेताओं पर भी दांव लगाकर एक संदेश जरूर देने की कोशिश की है कि जिताऊ कैंडिडेट इस बार कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है।
सुदर्शन कहते हैं कि भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक जीके मोलकालमुरू और जेडीए छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक श्रीनिवास पहले भी अपनी सीटों के साथ आसपास की सीटों पर विशेष प्रभाव रखते थे। कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए कर्नाटक के नेता एस एनचंद्रन कहते हैं कि उनकी पार्टी में अब तक जितने प्रत्याशी मैदान में उम्मीदवार के तौर पर घोषित किए हैं वह सभी जिताऊ प्रत्याशी हैं। उनका कहना है कि उनकी पार्टी ने प्रत्याशियों की सीटें बदली हैं और कुछ पुराने प्रत्याशियों को भी टिकट नहीं दिया है। लेकिन उनकी पार्टी ने पांच साल तक जनता के बीच में रहकर काम करने वाले प्रत्याशियों को ही चुनकर जनता के बीच में उतारा है। उनका कहना है कि इससे पहले पार्टी ने 25 मार्च को 124 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। पहली लिस्ट में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के नाम थे। दूसरी पार्टियों से आए बागियों को टिकट देने के सवाल पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि कांग्रेस की विचारधारा में जो नेता यकीन रखता है उनकी पार्टी हमेशा उसका स्वागत करती है और कार्यकर्ताओं की सहमति से चुनावी मैदान में उसको मौका भी देती है।
कांग्रेस 166 प्रत्याशियों की लिस्ट निकाली
224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने अब तक 166 प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। जबकि 58 प्रत्याशियों की सूची जल्द ही आ जाएगी। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिन 58 प्रत्याशियों की सूची अभी आनी है उनमें से कई प्रमुख विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और कई बड़े कद्दावर नेताओं के नाम उस सूची में देखने को मिलेंगे। कर्नाटक में अभी तक भाजपा ने अपनी एक भी सूची जारी नहीं की है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा हमेशा की तरह चुनावों में प्रत्याशियों की घोषणा सबसे बाद में करती है। इसके पीछे तर्क देते हुए वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सुदर्शन कहते हैं कि कर्नाटक में भी अन्य राज्यों की तरह भाजपा न सिर्फ जिताऊ कैंडिडेट बल्कि दूसरे दलों से उनकी पार्टी के शामिल होने वाले प्रत्याशियों को खंगाल रहीं है।
इसके अलावा कर्नाटक के सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि भाजपा अपने कई वर्तमान विधायकों और कुछ मंत्रियों को टिकट नहीं दे रही है। यही वजह है कि भाजपा के प्रत्याशियों की एक भी लिस्ट नहीं आई है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी में टिकटों के बंटवारे का अंतिम प्रारूप तैयार किया जा चुका है। किसे टिकट देना है और कौन इस बार ड्रॉप हो रहा है, उसकी पूरी जानकारी ऊपर तक दी जा चुकी है। कर्नाटक के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राज्य की भाजपा इकाई में कई धुरी भी बनी हुई है। और उन नेताओं की बनी धुरी में यह उथल-पुथल मची है कि उम्मीदवारी का समायोजन किस तरीके से किया जाए। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कर्नाटक में भाजपा अपने कोर वोटर लिंगायत समुदाय के साथ-साथ वोक्कालिगा और पिछड़ी जातियों के साथ दलितों को भी जोड़कर चुनावी रणनीति बना रही है और उम्मीदवारों की सूची में भी उनका समायोजन कर रही है।