मोदी कैबिनेट: गैस मूल्य निर्धारण के नए फॉर्मूले को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी। प्राकृतिक गैस का मूल्य भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10 फीसदी होगा, जिसे हर महीने अधिसूचित किया जाएगा। स्थिर मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने और प्रतिकूल बाजार के उतार-चढ़ाव से उत्पादकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया गया है। 

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, घरेलू गैस की कीमत अब अंतरराष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है और घरेलू गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के अंतर्राष्ट्रीय दाम का 10% होगा। यह हर महीने तय किया जाएगा। ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने एपीएम गैस के लिए 4 डॉलर प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) की कीमत, 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की सीमा को मंजूरी दी।

ठाकुर ने कहा, कैबिनेट ने गैस मूल्य निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी, सीएनजी, पाइप्ड रसोई गैस की दरों को नियंत्रण में रखने के लिए सीमा लागू की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 को भी मंजूरी दी। इस नीति का उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग की भूमिका और इसरो मिशन की गतिविधियों को बढ़ावा देना और अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्टअप और उद्योग की बड़ी भागीदारी देना होगा।

भारतीय अंतरिक्ष नीति-2023 को कैबिनेट ने दी मंजूरी
सरकार ने नई अंतरिक्ष नीति के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ-साथ न्यूस्पेस इंडिया लि. व अन्य निजी क्षेत्रों के संगठनों की भूमिका और जिम्मेदारी निर्धारित कर दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने बृहस्पतिवार को भारतीय अंतरिक्ष नीति-2023 को अपनी मंजूरी दे दी। इससे पहले सरकार ने अंतरिक्ष कार्यक्रम को मजबूती देने के लिए इसे निजी क्षेत्रों के लिए भी खोल दिया था।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बैठक के बाद कहा, इस फैसले से इन संगठनों की भूमिका में स्पष्टता आएगी। उन्होंने कहा, नई नीति का उद्देश्य इसरो के अंतरिक्ष मिशन कार्यक्रम को मजबूती देना और अंतरिक्ष विभाग की भूमिका को बढ़ाना है। इसके साथ ही इस क्षेत्र में शोध, अध्ययन, स्टार्टप्स और अंतरिक्ष उद्योग की भागीदारी को बढ़ावा देना है।

सरकार ने कहा है कि देश में संबंधित कार्य से जुड़े 200 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं। इस क्षेत्र को खोलने के कारण पहली बार इसरो के लॉन्च पैड से किसी निजी कंपनी स्काईरूट के जरिये सब ऑर्बिट रॉकेट विक्रम-1 को लॉन्च किया गया। इसी तरह निजी कंपनी अग्निकुल द्वारा लिक्विड इंजन का परीक्षण किया गया। नई नीति को मंजूरी मिलने से निजी क्षेत्र की कंपनियों को उपग्रह, रॉकेट, लॉन्च पैड के निर्माण से लेकर, डाटा संग्रह करने की अनुमति होगी।

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