हिमाचल : शिमला के ऐतिहासिक चर्च में मनाया गया गुड फ्राइडे

रिज मैदान पर स्थित क्राइस्ट चर्च में शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया गया। प्रभु ईसा मसीह के बलिदान को याद करते हुए विश्व शांति के लिए मौन रखा गया और प्रार्थना की गई। प्रार्थना सभा के बाद भगवान मसीह की शिक्षाओं पर सभा का आरंभ हुआ। इस मौके पर सैकड़ों ईसाई धर्म के अनुयायी चर्च में एकत्रित हुए और दीप प्रज्जवलित किए।

दिनभर चले प्रार्थना सभा में ईसा मसीह की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला गया। सभा में प्रेम और क्षमा के महत्व पर बल दिया गया। बाइबिल का पाठ करते हुए पादरी सोहन लाल ने बताया गया कि जहां प्रेम है वहां क्षमा भी है। हमें प्रभु मसीह की तरह प्यार की भावना रखते हुए किसी से नफरत नहीं करनी चाहिए।

चर्च के पादरी सोहन लाल ने बताया कि गुड फ्राईडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बताया कि यहूदियों ने मसीह द्वारा अपने आप को परमेश्वर का पुत्र कहे जाने पर मसीह को प्राणदंड की सजा दी।

दुनिया को पाप मुक्त करने के लिए ईसा मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए थे। उनके त्याग को गुड फ्राइडे के दिन याद किया जाता है और सभी विश्वासी इस दिन निश्चय करते है कि मसीह के गुणों को अपने जीवन में अपनाते हुए आगे बढ़ेंगे।

1857 में बना था क्राइस्ट चर्च
शिमला का क्राइस्ट चर्च सन 1857 में नियो गौथिक शैली में बना था। कर्नल जेटी बोयलियो ने 1844 में इसका डिजाइन बनाया था। इसका निर्माण 13 साल बाद किया गया। चर्च पर लगी बड़ी घंटी 1860 में कर्नल डमबेल्टन ने दान की थी।

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