”मैं यहां का नाम भी नहीं लेना चाहता हूं। यह धरती किसानों की राजधानी है। लेकिन यह उचित नहीं कि मैं इसका नाम भी बोलूं। यहां का नाम बदल देना चाहिए। अंग्रेजों की हुकूमत से देश को आजाद हुए 75 साल बीत गए, लेकिन यहां आज भी मुगलों की निशानी बाकी है।”
यह बात केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में कही। वह यहां के नुमाइश मैदान में चल रहे पशु प्रदर्शनी और कृषि मेले में पहुंचे थे। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए सवाल पूछा कि इस शहर का नाम क्या है? लोगों ने जवाब में मुजफ्फरनगर बोला। इस पर उन्होंने कहा कि वह इस जगह नाम लेना भी उचित नहीं समझते।
‘मैं नहीं बता सकता कि किस शहर में आया हूं’
गिरिराज बोले, “मैं बोल भी नहीं सकता कि मैं किस शहर में आया हूं। इस शहर का नाम बदल देना चाहिए। मुझे अच्छा नहीं लगता कि इस शहर का नाम लिया जाए। इस मंच पर वैज्ञानिक और महिलाएं भी मौजूद हैं जो सम्मानीय हैं। यहां के किसानों ने गन्ना उत्पादन में देश का नाम ऊंचा किया है।”
लाल बहादुर शास्त्री को किया याद
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि किसानों के बगैर देश की कल्पना संभव नहीं है। जब किसानों की चर्चा करता हूं तो लाल बहादुर शास्त्री का नाम लिए बगैर नहीं रह सकता। लाल बहादुर शास्त्री को देश का कौन किसान याद करना नहीं चाहेगा। पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब लाल बहादुर शास्त्री का घर बन गया था। क्षेत्र के किसानों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री ने काफी कार्य किया।
अब पढ़िए बयान के पीछे की कहानी
दरअसल, इतिहास और प्रमाणों के अनुसार मुगल काल में दिल्ली के बादशाह शाहजहां ने सरवट नाम का परगना अपने एक सरदार सैयद मुजफ्फर खान को जागीर में दिया था। जहां पर वर्ष 1633 में उसने और उसके बाद उसके बेटे मुनव्वर लश्कर खान ने मुजफ्फरनगर नाम का शहर बसा दिया था। जिसे आज भी मुजफ्फरनगर के नाम से जाना जाता है। इसी नाम को गिरिराज सिंह ने मुगलों की निशानी बताया है।
‘2024 के लिए PM की कुर्सी मोदी के लिए रिजर्व’
इसके बाद गिरिराज ने विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लिया। कहा कि 2014 में भी पूरे देश के विपक्षी नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हुए थे लेकिन जनता ने मोदी को ही प्रधानमंत्री बना दिया। इसके बाद यही काम 2019 में भी विपक्ष ने किया लेकिन फिर भी जीत नहीं पाए। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने 2024 के लिए पीएम की कुर्सी नरेंद्र मोदी के लिये रिजर्व कर दी है।
गिरिराज सिंह के विवादित बयान
- गिरिराज सिंह ने 2021 में बेगूसराय में एक जनसभा में मंच से अधिकारियों को मारने पीटने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, अगर कोई अधिकारी उनकी बात नहीं सुनता है तो उसे बेंत से मारिए।
- डेढ़ महीने पहले दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने आदम को हिंदू और मुसलमान का पूर्वज बताया था। इस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ये लोग जिन्ना की सोच वाले हैं, बंटवारे के समय इन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए था.
- इसी साल 20 जनवरी को गिरिराज सिंह ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लाचार मुख्यमंत्री बताया था। उन्होंने कहा था, वो सत्ता के लिए धृतराष्ट्र की तरह बैठे हैं और बिहार में सामाजिक तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे।