शहडोल ट्रेन हादसा: क्रेनों से हटाया मालगाड़ियों का मलबा

शहडोल जिले के सिंहपुर रेलवे स्टेशन में बुधवार सुबह पहले से खड़ी मालगाड़ी को सिग्नल तोड़ते हुए पीछे से दूसरी मालगाड़ी ने ओवरशूट करते हुए जोरदार टक्कर मार दी थी। इससे मालगाड़ी के पांच इंजन क्षतिग्रस्त हो गए। नौ वैगन पटरी से नीचे उतर गए थे। इसके कारण हादसे के बाद रेल यातायात पूरी तरीके से ठप है। कटनी से शहडोल आ रही यात्री ट्रेनों को शहडोल रेलवे स्टेशन पर ही रोका गया। यात्रियों को लगभग 40 बसों के सहारे अनूपपुर भेजकर अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचाया गया। इसमें जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ समाजसेवियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

छह से अधिक गाड़ियों को रोका 
कटनी से शहडोल आ रही आधा दर्जन से अधिक यात्री गाड़ियों को शहडोल रेलवे स्टेशन पर रोका गया। यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस ने समाजसेवियों की मदद से खाना-पानी के साथ ही उनके गंतव्य तक पहुंचने की व्यवस्था की गई थी। लंबी दूरी की ट्रेनों को दूसरे रुट पर डायवर्ट कर दिया था। लोकल यात्रियों को जानकारी देने के लिए स्टेशन पर अनाउंसमेंट कर समय-समय पर यात्रियों को जानकारी दी गई। ट्रैफिक डीएसपी मुकेश दीक्षित ने बताया है कि बुधवार शाम तक लगभग चार हजार यात्रियों को अनूपपुर रेलवे स्टेशन तक बसों के सहारे पहुंचाया गया। शहडोल रेलवे स्टेशन में 40 बसे लगाई गई थी। एक-एक कर अनूपपुर से शहडोल और शहडोल से अनूपपुर ले जाने की व्यवस्था की थी। अनूपपुर से आगे की यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेन से भेजा गया। हादसे के बाद से अब तक लगभग चार हजार से अधिक यात्रियों को मदद पहुंचाई गई है।  

सुबह एक भी ट्रेन शहडोल स्टेशन नहीं पहुंची
गुरुवार की सुबह एक भी यात्री ट्रेन शहडोल रेलवे स्टेशन नहीं पहुंची। स्टेशन मास्टर बीएल मीणा ने जानकारी देते हुए बताया है कि सभी यात्री ट्रेनों के रूट  डायवर्ट कर दिया गया है। इस वजह से ट्रेनें शहडोल नहीं आ रहीं हैं। बुधवार की शाम तक आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें यहां पहुंची थी। स्टेशन मास्टर ने बताया कि ट्रैक पर दुर्घटनाग्रस्त इंजनों व डिब्बों को हटाने का काम बुधवार की दोपहर से शुरू हुआ था। यह काम पूरी रात चला और गुरुवार को शाम तक एक लाइन शुरू कर दी जाएगी। दूसरी लाइन भी क्लियर करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, रेलवे प्रबंधन ने अब तक कोई भी जानकारी नहीं दी है। गुरुवार सुबह भी दुर्घटना स्थल पर बड़ी-बड़ी मशीनों के सहारे क्षतिग्रस्त इंजन और डिब्बों को हटाने का कार्य जारी रहा।

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