भोजपुरी फिल्मों के एक्टर पर कसा शिकंजा: कस्टडी रिमांड पर ले सकती है लखनऊ पुलिस

बरेली में फर्जी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट चलाने के आरोप में पकड़ा गया भोजपुरी फिल्मों का एक्टर विनोद यादव फर्जीवाड़े गैंग का सरगना निकला। प्रदेश में करीब सवा सौ पैरामेडिकल कॉलेजों को फर्जी तरीके से मान्यता देने के मामले में उसे मुख्य आरोपी माना जा रहा है। स्टेट पैरामेडिकल फैकल्टी के नाम से फर्जी वेबसाइट अब भी सक्रिय है। लखनऊ पुलिस उसकी कस्टडी रिमांड ले सकती है, वहीं थाना इज्जतनगर पुलिस ने जमानत का रास्ता बंद करने की तैयारी की है।

13 अप्रैल को बन्नूवाल नगर में फर्जी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट चलाने के आरोप में इज्जतनगर पुलिस ने मेगा सिटी निवासी विनोद यादव और उत्तराखंड के रुद्रपुर निवासी जगदीश चंद्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। विनोद यादव भोजपुरी फिल्मों का अभिनेता है। अब उस पर शिकंजा और कस गया है।

उत्तर प्रदेश मेडिकल फैकल्टी के सचिव डॉ. आलोक कुमार ने 19 अप्रैल को लखनऊ के विभूति खंड थाने में एफआईआर दर्ज कराकर बताया कि कुछ लोगों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर प्रदेश के सवा सौ मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दी है। पुलिस ने विवेचना शुरू की तो पता चला कि बरेली के मेगा सिटी निवासी विनोद यादव ही इसका सरगना है। उसी ने फर्जी वेबसाइट के जरिये कॉलेजों को मान्यता दी है। कई अहम सुबूत लखनऊ पुलिस के हाथ लगे हैं।

खातों में ही भुगतान ले रहे थे धंधेबाज

लखनऊ पुलिस को विनोद के बरेली जेल में बंद होने की जानकारी मिली तो इस बात की तस्दीक कराई। अब लखनऊ पुलिस विनोद यादव का नाम मुकदमे में शामिल कर उसकी कस्टडी रिमांड लेने जा रही है। वहीं, इज्जतनगर इंस्पेक्टर अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि वह भी विनोद के खिलाफ दूसरे शहरों व थानों में दर्ज मामलों का पता लगा रहे हैं। सभी मामलों को जोड़कर चार्जशीट को मजबूत किया जाएगा ताकि आरोपी को आसानी से जमानत न मिल सके।

वेबसाइट के जरिये मान्यता देने का पूरा खेल ऑनलाइन किया जाता था। मान्यता देने के बदले खातों में भुगतान लिया जाता था। पुलिस ने बैंक खातों की जांच की तो धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। पता लगा कि खुद को असली साबित करने और भरोसा जमाने के लिए धंधेबाज ऑनलाइन ही फीस आदि की वसूली करते थे। जांच के बाद ही साफ होगा कि आरोपियों ने कितने लोगों को चूना लगाया है।

सैकड़ों छात्र काट रहे कलक्ट्रेट के चक्कर

विनोद और उसका साथी जगदीश इंडियन पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट नाम से फर्जी संस्थान चलाते थे। 13 अप्रैल को इंस्टीट्यूट में ताला पड़ गया। विनोद और जगदीश को पुलिस ने जेल भेज दिया। इसके बाद से विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो गया। वे दूसरी जगह प्रवेश या फीस वापसी को लेकर कलक्ट्रेट व अन्य विभागों के चक्कर काट रहे हैं।

बरेली के सीओ तृतीय आशीष प्रताप सिंह ने बताया कि फर्जी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट चलाने वाले आरोपी जेल भेजे गए हैं। इज्जतनगर पुलिस विवेचना कर रही है। दूसरी जगह भी इन्होंने धोखाधड़ी की होगी तो उसकी जानकारी करके भी कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। 

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