दौसा में कोलवा थाना क्षेत्र के भोजवाड़ा गांव में मंदिर माफी की जमीन पर सरपंच की ओर से अवैध निर्माण कर बनाए जा रहे मकान पर ग्रामीणों ने कड़ा आक्रोश जताया और प्रदर्शन किया। सरपंच और उनके पति की दबंगई और अवैध निर्माण के खिलाफ ग्रामीणों ने पुलिस थाना अधिकारी को कार्रवाई करने के लिए शिकायत दी है। पिछले कुछ दिन से नृसिंह भगवान के मंदिर की जमीन पर नया गांव सरपंच द्वारा कब्जा कर अवैध पक्का निर्माण किया जा रहा है, जिसे लेकर कुछ दिन पहले भोजवाड़ा के ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया था और सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन सरपंच द्वारा कार्य बंद नहीं किया गया और ग्रामीणों को एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में फंसाने की धमकी दिए जाने का मामला सामने आया था
कोर्ट स्टे के बाद भी सरपंच द्वारा अवैध रूप से किए जा रहे पक्के निर्माण पर रोक और सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर करीब दो दर्जन भोजवाड़ा के ग्रामीण विप्र नेत्री नेहा चतुर्वेदी के नेतृत्व में कोलवा थाना अधिकारी से मिले और शिकायत दी। इस पर थाना अधिकारी ने कोर्ट स्टे की पालना करवाने और मामले में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
नेहा चतुर्वेदी ने कहा कि गांव के मुखिया द्वारा इस तरह मंदिर की जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण करना गलत है। सरपंच अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है। ग्रामीणों के मना करने पर उन्हें एससी-एसटी के झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दे रहा है, जो गलत है। थानाधिकारी को मामले से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है, जिस पर थानाधिकारी ने कोर्ट स्टे की पालना करवाने और मामले की जांच कर कार्रवाई करने को आश्वस्त किया है।
विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा को भी लिखा पत्र…
वहीं, मामले को लेकर विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा को मामले से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर पत्र भी लिखा है। इस दौरान दर्जनों की संख्या में ग्रामीण थाने पर मौजूद रहे।
सरपंच पति ने क्या कहा?
भोजवाड़ा गांव के सरपंच देवी महावर के पति लक्ष्मण महावर का कहना है कि यह बात सही है कि मंदिर माफी की जमीन पर लोगों को कब्जा है। इसी के चलते उन्होंने भी कब्जा कर लिया। यदि कार्रवाई हो, तो सभी पर बराबर होनी चाहिए, न कि अकेले सरपंच पति पर होनी चाहिए।