बलिया नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहरी क्षेत्र के अधिकांश नालों को नहीं ढका गया है, जो अब हादसों का सबब बन रहे हैं। इतना ही नहीं नाला खुला होने के कारण गंदे पानी में मच्छरों का प्रजनन भी तेजी से हो रहा है, जिससे संक्रामक बीमारियों के पनपने का भय बढ़ गया है। पालिका ने कुछ चुनिंदा नालियों को ढकने का इंतजाम किया है। बाकी वैसे ही खुले होकर हादसों को भी दावत दे रहे हैं।
नपा की लापरवाही का शिकार शुक्रवार को देर शाम एक बाइक सवार हो गया। बिहार के सिमरी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक युवक परिवार की दो महिलाओं को लेकर बाइक से शहर में एक निमंत्रण में शामिल होने के लिए आया था। इसी दौरान लोक निर्माण विभाग कार्यालय के सामने और एक होटल के समीप उसकी बाइक असंतुलित होकर खुले नाले में जा गिरी। इस घटना में बाइक पर सवार युवक और महिलाओं को चोटें भी आई। जबकि नाले से बाइक निकालने में उसे घंटों मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान मौके पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। यह घटना तो नपा की लापरवाही की महज बानगी भर है। शहर में नालों के खुला होने से इस तरह की घटनाएं अब आम हो चली है। इसके बावजूद नपा के जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं।
इन स्थानों पर खुले है नाले, अक्सर होते है हादसे
शहर के सतीश चंद्र कॉलेज चौराहा पर एनएच 31 के दोनों तरफ नाला खुला होने से आए दिन हादसे होते रहते हैं। एनएच 31 के समीप होने के कारण पर गाड़ियों के आवागमन के दौरान हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इसके अलावा इन नालियों में नन्हे-मुन्ने बच्चों के गिरने की आशंका रहती है। लोगों का कहना है कि लगभग इन नालों की गहराई चार से पांच फीट तक है। इसके अलावा चित्तू पांडेय चौराहा, टीडी कॉलेज चौराहा, जिलाधिकारी आवास, एसपी कार्यालय, कुंवर सिंह चौराहा से लेकर एनसीसी तिराहा तक, जगदीशपुर तिराहा समेत नगर के अन्य स्थानों पर खुले नाले हादसे को दावत दे रहे है।
सफाई कार्य के दौरान नालों का ढ़क्कन हटाया जाता है और ढ़क दिया जाता है। अगर कहीं सफाई कर्मियों द्वारा नाले पर ढ़क्कन नहीं लगयाय गया है तो उसे शीघ्र ही ढ़क दिया जाएगा। -सत्य प्रकाश सिंह, ईओ, नगर पालिका, बलिया।