अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दी जाए फांसी, एनआईए पहुंची हाईकोर्ट

जेकेएलएफ के प्रमुख और अलगाववादी नेता यासीन मलिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली हाईकोर्ट से अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की। यासीन को आतंकी फंडिंग मामले में निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

एनआईए की याचिका पर जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ के समक्ष 29 मई को सुनवाई होगी। बता दें कि कोर्ट ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन को (यूएपीए) और आईपीसी के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

दोबारा की है फांसी देने की मांग
यासीन मलिक के खिलाफ 2017 में एनआईए ने टेरर फंडिंग का मामला दर्ज किया था। इसके बाद से पटियाला कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही थी। कोर्ट में एनआईए ने सारे सबूत पेश किए। बताया कि देश में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए यासीन मलिक के पास पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों से पैसा आता था। उन पैसों के जरिए देश में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया। एनआईए ने यासीन पर लगे एक-एक आरोप के लिए सबूत पेश किए। इसके बाद यासीन मलिक को अपने गुनाह कबूल करने पड़े। पिछले साल 19 मई को कोर्ट ने यासीन को दोषी ठहराया था। 25 मई को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। हालांकि, एनआईए ने यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की थी। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here