यूपी: डॉक्टरों ने जिस नवजात को मृत घोषित कर दिया, 12 घंटे बाद चलने लगीं उसकी सांसें

आगरा के बाह के जैतपुर सीएचसी पर रात मृत घोषित नवजात शुक्रवार की सुबह यमुना में जल प्रभाव के दौरान जी उठा। परिजनों के मुताबिक नवजात ने सांस ली, आंख खोलीं। उनकी मानें तो सिरसागंज के चिकित्सक ने नवजात को आगरा के लिए रेफर कर दिया। जहां पर उसे फिर से मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि सीएचसी पर प्रसव में लापरवाही नहीं बरती गई होती तो नवजात की जान बच सकती थी। 

पारना गांव के चंदन सिंह गुरुग्राम में नर्सरी की देखभाल का काम करते हैं। बृहस्पतिवार की रात उनकी पत्नी मीरा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने रात 10 बजे जैतपुर सीएचसी पर भर्ती कराया। जहां पर रात 10.30 बजे प्रसव हुआ। नवजात को नर्सिंग स्टाफ ने मृत बताकर कपड़े में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया। रात में मीरा देवी को घबराहट और बेचैनी होने पर इलाज दिया गया। ठीक होने पर उनकी छुट्टी कर दी गई। 


 नवजात की मौत की सूचना पर चंदन सिंह शुक्रवार की सुबह 10 बजे के करीब गांव पहुंचे। परिजनों के मुताबिक यमुना में जल प्रवाह के लिए नहलाते समय नवजात ने सांस ली। शरीर में हलचल के साथ उसने आंखे खोली। नवजात को जिंदा पाकर परिजन उसे इलाज के लिए गांव के नजदीक पड़ने वाले सिरसागंज में चिकित्सक के पास ले पहुंचे। परिजनों के मुताबिक नवजात की हालत चिंताजनक बताकर आगरा भेज दिया। जहां पर चिकित्सकों ने उसे फिर से मृत घोषित कर दिया।चंदन सिंह ने बताया कि प्रसव में लापरवाही बरती गई है। नवजात को ठीक से देखा होता और उसे समय पर इलाज मिल जाता तो जान बच सकती थी। उनके मुताबिक प्रसव के 12 घंटे बाद नवजात की सांस चलती मिली। उन्होंने दोषियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में पूछे जाने पर जैतपुर सीएचसी के अधीक्षक डॉ. विनय कुमार ने बताया कि नवजात के जल प्रवाह के समय जिंदा होने के बारे में सुना है, शिकायत मिलने पर जांच और कार्रवाई होगी। नवजात को परिजन शिकोहाबाद और आगरा में कहां ले गये, जानकारी जुटाई जाएगी। तभी कुछ स्पष्ट हो सकेगा।

पांच बेटियों के बाद पैदा हुआ था बेटा

पारना की मीरा देवी का छठवां प्रसव था।  पांच बेटियों तुलसी (15), प्रिया (11), दक्षिता (8), साक्षी (5), प्रियांसी (3) के बाद बेटा पैदा हुआ था। जिसे जन्म के बाद ही नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही ने उनसे छीन लिया। पिता चंदन सिंह और प्रसूता मीरा देवी ने बताया कि उन्होंने बेटे के लिए मन्नतें मांग रखी थी। मंदिरों में जाकर प्रार्थनाएं की थी। भगवान ने मन्नत पूरी की लेकिन धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टारों की लापरवाही ने उनकी खुशियां छीन लीं। 

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