प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया। इस समारोह का कई विपक्षी नेताओं ने विरोध भी किया। देश के नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं कराने को लेकर विपक्ष पिछले कई दिनों से लगातार सरकार पर हमला कर रहा था। इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष की ये लड़ाई बयानबाजी से लेकर सोशल मीडिया तक पर देखने को मिली। इस दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी खूब चर्चा में रहे। अब पंड़ित नेहरू को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच ट्विटर पर जंग शुरू हो गई है।
कांग्रेस से ट्विटर पोस्ट से शुरू हुआ विवाद
दोनों पार्टियों के बीच ट्विटर पर जंग कांग्रेस की एक पोस्ट से शुरू हुई। दरअसल, नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान कांग्रेस ने एक ट्वीट किया। इसमें कांग्रेस ने पंड़ित नेहरू और पीएम मोदी को दर्शाते हुए एक फोटो पोस्ट की थी। इस फोटचो में पीएम मोदी को पंडित नेहरू के पैरों के पास दिखाया गया था। इस फोटो के कैपश्न में कांग्रेस ने लिखा था ‘कितनी भी कोशिश कर लो।’
भाजपा ने ऐसे किया पलटवार
वहीं, कांग्रेस के इस पोस्ट के बाद भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए पंड़ित नेहरू की एक फोटो शेयर की है। इसमें कांग्रेस पर हमला बोलते हुए भाजपा ने कैप्शन लिखा है ‘रील वर्सेज रियल’। भाजपा द्वारा शेयर की गई फोटो में कैमरे के सामने पंड़ित नेहरू का कद बड़ा दिख रहा है। साथ ही दूसरी ओर कैमरे के नीचे उनकी छोटी तस्वीर बनी हुई है। भाजपा ने इस फोटो के साथ लिखा है ‘नेहरू का सच’। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस वार-पलटवार का मुख्य मुद्दा सत्ता के हस्तांतरण के रूप में सेंगोल के प्रतीक से जुड़ा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करते हुए लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ स्थापित किया था। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसका विरोध करते हुए कहा कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और जवाहर लाल नेहरू द्वारा सेंगोल को भारत में ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में वर्णित करने का कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। इस तरह के सभी दावे पूरी तरह से एक व्यक्ति के दिमाग में निर्मित हैं।
इन 20 पार्टियों ने किया उद्घाटन समारोह का बहिष्कार
बता दें कि विपक्षी पार्टियों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया। इनमें से 19 पार्टियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि पीएम मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन लोकतंत्र का अपमान और उस पर सीधा हमला है। राष्ट्रपति, देश के प्रमुख होते हैं और संसदीय परंपरा का भी हिस्सा होते हैं। संसद बिना राष्ट्रपति के काम नहीं कर सकती। जिन पार्टियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया, उनमें कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), आप, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस मानी, विधुथलाई चिरुथाईगल काची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई एम, राजद, आईयूएमएल, नेशनल कान्फ्रेंस, आरएसपी, एमडीएमके, एआईएमआईएम शामिल रहीं।