ओपी राजभर के बेटे की शादी में भाजपा नेताओं के जमावड़े ने दिए नए सियासी संकेत

मौका भले ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बेटे के विवाह के बाद आशीर्वाद समारोह का था लेकिन भाजपा नेताओं की मौजूदगी ने सियासी गलियारों में नई चर्चा को जन्म दे दिया है। बेटे के विवाहोत्सव के लिए वैसे तो तमाम लोगों ने बधाई दी, पर सबसे अधिक चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संदेश को लेकर हो रही है। इस समारोह के बहाने जिस तरह से सत्तारूढ़ दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत तमाम मंत्रियों ने उपस्थिति दर्ज कराई है, उसके आधार पर भाजपा और सुभासपा के नए सियासी कदम को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में राजभर फिर से एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं।

राजभर ने छोटे बेटे अरुण राजभर के विवाह के बाद मंगलवार को वाराणसी स्थित अपने पैतृक आवास में आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, सोनिया गांधी और मायावती समेत विपक्ष के सभी नेताओं को भी आमंत्रित किया था। पर, शादी के बहाने भाजपा नेताओं ने जिस तरह से राजभर के समारोह में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है, उसके सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस समारोह के बहाने सत्ताधारी दल के नेताओं का जुटान भाजपा और सुभासपा के रिश्ते की डोर को मजबूत करने की कवायद है।

दरअसल सपा से रिश्ता टूटने के बाद से ही राजभर का भाजपा की तरफ झुकाव बढ़ा है। इसको वह समय-समय पर बयानों के जरिये दिखाते रहे हैं। अब यह अटकलें तेज हो गई हैं कि लोकसभा चुनाव में राजभर एक बार फिर से एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं। ऐसे में राजभर के बेटे की शादी के बहाने भाजपा नेताओं का जुटान इसे और हवा दे गया है। हालांकि राजभर का कहना है कि यह मेरा निजी कार्यक्रम हैं और जो लोग भी आए वह व्यक्तिगत रिश्तों की वजह से आए। इसका कोई सियासी मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। जहां तक लोकसभा चुनाव में गठबंधन की अटकलें हैं तो अभी चुनाव में बहुत समय है। चुनाव के दो-तीन महीने पहले जब गठबंधन पर बात होगी तो देखा जाएगा।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने भी दीं शुभकामनाएं
वैसे तो राजभर के यहां सपा और रालोद के भी कई नेता पहुंचे थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामना संदेश भेजने के साथ ही फोन करके राजभर को बधाई दी। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभकामना संदेश अपने सलाहकार व पूर्व आईएएस अधिकारी अवनीश के हाथों भेजा था। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत कई मंत्री भी समारोह का हिस्सा बने। पर, अखिलेश यादव ने समारोह से दूरी बनाए रखी। अलबत्ता सपा के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी व दारा सिंह चौहान समेत सपा के कई नेता जरूर पहुंचे थे। वहीं, पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह और पूर्व सांसद धनंजय सिंह की उपस्थिति भी चर्चा का विषय रहा।

भूपेंद्र चौधरी से हुई देर तक गुफ्तगू
समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और राजभर के बीच काफी देर तक अकेले में गुफ्तगू हुई। इस दौरान किसी को भी आसपास फटकने नहीं दिया गया। वहीं सूत्रों का कहना है कि समारोह के बहाने पहुंचे चौधरी और राजभर के बीच भविष्य की सियासत के मुद्दे पर गंभीर बात हुई है और इस मुलाकात में हुई बातचीत ही सुभासपा के आगे की सियासत का रास्ता खोलेगा। दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता को भाजपा के द्वारा गठबंधन के पुराने सहयोगियों को साथ लाने की दिशा में बढ़ाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

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