जेल में बंद आसाराम के गुर्गे फिर शाहजहांपुर में हुए सक्रिय, पीड़िता के परिवार की सुरक्षा बढ़ी

आसाराम को दुष्कर्म के मामले में जेल भिजवाने वाली बिटिया के शहर में एक बार फिर से गुर्गे सक्रिय हो गए हैं। शाहजहांपुर के केरूगंज में किताबें बांटने वाले गुर्गों ने रविवार को व्यस्त बाजार बहादुरगंज में शरबत वितरण शिविर के बहाने आसाराम के प्रचार की किताबों को बांटा था। 

आसाराम के लोगों के शहर में आने के बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इस पर पुलिस ने उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया है। अब पीड़ित परिवार चार सिपाहियों के सुरक्षा के घेरे में रहेंगे। पुलिस ने गुर्गों की गतिविधियों पर रखने का आश्वासन दिया है।

वर्ष 2013 में आसाराम के खिलाफ दिल्ली में दर्ज केस के बाद 2018 में कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। आसाराम के जेल में होने के बाद भी उसके गुर्गे यहां आकर गतिविधियां करते हैं। शनिवार व रविवार को आसाराम के गुर्गों ने शरबत वितरण कर साहित्य बांटा था। 

दो दिन घर से नहीं निकले थे पीड़िता के पिता 

बहादुरगंज पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर आसाराम के गुर्गे काम करते रहे और पुलिस को खबर तक नहीं लगी। वहीं आसाराम के गुर्गों की दस्तक के बाद पीड़िता के पिता काफी दहशत में आ गए थे। खतरे के चलते पीड़िता के पिता दो दिन से घर से नहीं निकले थे।

सोमवार को बिटिया के पिता पुलिस कार्यालय पहुंचे। एसपी के कार्यालय में न होने पर अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। प्रार्थना पत्र देते हुए पूरे मामले से अवगत कराया। बिटिया के पिता ने बताया कि उसकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया। पूर्व में उसके साथ एक सिपाही की नियुक्ति थी। तीन सिपाही और बढ़ा दिए गए हैं।

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