पाकिस्तान में कुछ ही महीनों में सिख समुदाय के खिलाफ कुछ घटनाएं सामने आईं हैं जिसको लेकर अब भारत ने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत ने अप्रैल से जून के बीच सिख लोगों पर ऐसी चार घटनाएं हुई हैं और इन हमलों को गंभीरता से लिया है।
भारत ने मांग की है कि पाकिस्तानी अधिकारी सिख समुदाय पर हुए इन हिंसक हमलों की ईमानदारी से जांच कराएं और रिपोर्ट साझा करें। सूत्र ने कहा ने कहा कि यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, जो लगातार धार्मिक उत्पीड़न के डर में जी रहे हैं।
मनमोहन सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी थी
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं, ताजा मामला पेशावर से सामने आया था यहां अज्ञात बंदूकधारियों ने मनमोहन सिंह नाम के एक सिख व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हालांकि पाकिस्तान पुलिस ने रविवार को कार्रवाई करते हुए कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। मनमोहन सिंह रशीद गढ़ी से पेशावर जा रहे थे उसी दौरान कुछ हथियारबंद लोगों ने गुलदारा चौक ककशाल के पास उन पर हमला कर दिया।
इससे पहले शुक्रवार को पेशावर के दबगारी इलाके में एक और सिख व्यक्ति तरलुग सिंह को गोली मारकर घायल कर दिया गया था। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है। मई में, पूर्वी शहर लाहौर में हमलावरों ने सरदार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। 63 वर्षीय सिंह को सिर पर घातक गोली लगी, यह सिख समुदाय पर तीसरा हमला है। इससे मार्च में अज्ञात हमलावरों ने पेशावर में एक सिख व्यापारी और अप्रैल में पेशावर में ही बंदूकधारियों ने दयाल सिंह नाम के सिख व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पेशावर में लगभग 15,000 सिख रहते हैं, ज्यादातर प्रांतीय राजधानी पेशावर के जोगन शाह पड़ोस में रहते हैं। पेशावर में सिख समुदाय के अधिकांश सदस्य व्यवसाय से जुड़े हैं। पिछले साल सितंबर में, पेशावर में एक प्रसिद्ध सिख हकीम (यूनानी चिकित्सा व्यवसायी) की अज्ञात बंदूकधारियों ने उनके क्लिनिक के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पहले भी होते रहे हैं हमले
2018 में, पेशावर में सिख समुदाय के एक प्रमुख सदस्य चरणजीत सिंह की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। इसी तरह, शहर में 2020 में न्यूज चैनल के एंकर रविंदर सिंह की हत्या कर दी गई थी। 2016 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह की भी पेशावर में हत्या कर दी गई थी। वहीं मुस्लिम बहुल देश में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है।