पिछले कुछ दिनों में चर्चा में रहने वाली किताब “नीतीश कुमार अंतरंग दोस्तों की नजर से” का आज विमोचन होने वाला है। ज्ञान भवन में इस पुस्तक का विमोचन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव किया। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि इस किताब का विमोचन ऐसे समय में हो रहा है। जब हमारा देश टूट रहा है। नरेंद्र मोदी जो इस देश के प्रधानमंत्री है, वह चारों तरफ से इस देश में डाका डाल रहा है। राम और रहिम के बंदों के बीच मतभेद पैदा किया। गरीबी और भूखमरी मिटाने की कोई चर्चा नहीं हो रही है। हमारे देश के लोकतंत्र को मिटाने की साजिश हो रही है। ऐसे समय में हमलोग इकट्ठा हो रहे हैं। यह किताब ऐसे समय में लोगों को रोशनी दिखाएगा। बिहार से ही भाजपा का सफाया होगा। नरेंद्र मोदी का सफाया होना तय है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मैं और नीतीश कुमार दोनों लंबे समय तक साथ रहे हैं। जब हमलोग दिल्ली में थे, तो हमलोगों हमेशा तैयार रहते थे कि हमदोनों को केंद्र सरकार की मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। शरद यादव जी आज नहीं हैं हम सब के बीच। उस समय कहा गया था कि हमलोगों मंत्री बनेंगे। इसके बाद हमलोगों को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मैं बिहार का मुख्यमंत्री बना और नीतीश जी केंद्र सरकार में मंत्री बनें।
दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद बिहार को तोड़ने की साजिश कर रही है
आरक्षण पर खतरा पैदा कर रहा है नरेंद्र मोदी। भ्रष्टाचार की बाद कर रहा है। इससे बड़ा भ्रष्टाचार कौन कर रहा है। भाजपा अब दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद बिहार को तोड़ने की साजिश कर रही है। तुम क्या तोड़ोगे बिहार को। हमलोग एकजुट होकर देश की लोकतंत्र को मजबूत करेंगे। संविधान को मजबूत करेंगे। लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार बिल्कुल ही साधारण घर से निकले हुए नेता हैं। इनके पिताजी वैद्य थे। लोकसभा से लेकर विधानसभा तक और जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद नेता प्रतिपक्ष की जगह खाली हो गई। कई वरीय नेता भी थे जो चाहते थे कि कर्पूरी जी के जगह पर वह नेता प्रतिपक्ष बने। लेकिन, उस वक्त नीतीश कुमार ने हमारा साथ दिया। और मुझे नेता प्रतिपक्ष बना दिया।

पुस्तक से जो भी आय होगी, उसे दिव्यांगजनों को दिया जाएगा
ज्ञान में आयोजित इस कार्यक्रम में इस पुस्तक के लेखक उदय कांत मिश्र, विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री प्राे. चंद्र शेखर, जल संसाधन मंत्री संजय झा समेत कई वरीय नेता मौजूद रहे। राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस किताब को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी दोस्तों में से एक उदय कांत मिश्र ने लिखी है। 3 जुलाई यानी आज शाम ज्ञान भवन में इस पुस्तक का विमोचन किया जाएगा। हालांकि, किताब की ऑनलाइन बिक्री शुरू है और सभी प्रमुख किताब दुकानों पर भी उपलब्ध है। इस पुस्तक से जो भी आय होगी, उसे दिव्यांगजनों को दिया जाएगा।

आजादी के बाद के बिहार की राजनीति का लेखा-जोखा भी है इसमें
इसे लिखने वाले उदय कांत मिश्र का कहना है “नीतीश कुमार अंतरंग दोस्तों की नजर से” किताब एक शख्स के मुन्ना बाबू, नेताजी, नीतीश जी से माननीय नीतीश कुमार बनने की कहानी है। साथ ही इस किताब में आजादी के बाद के बिहार की राजनीति का लेखा-जोखा भी है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि नीतीश कुमार को इस मुकाम तक पहुंचने में काफी संघर्ष करना पड़ा। इस संघर्ष को सामने रखने की कोशिश मैंने इस किताब के जरिये की। उदय कांत मिश्र ने कहा कि मैंने पूरी किताब मोबाइल पर लिखी है। पहले तो यह 1200-1300 पेज की किताब हो गई थी। उसके बाद कई चीजों को हटाने पर इसे 600-700 पेज में समेटा गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई अनेक अनछुए पहलू 760 पेज में दर्ज हैं।