कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने सोमवार को कहा कि बिटकॉइन घोटाले की फिर से जांच के लिए सीआईडी के तहत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। बिटकॉइन घोटाला 2021 में पिछली भाजपा सरकार के दौरान सामने आया था। कांग्रेस उस समय विपक्ष में थी। इसने सरकार पर आरोप लगाया था कि वह घोटाले को इसलिए दबाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि इसमें बड़े नाम शामिल हैं।
मुख्य संदिग्ध श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी पर राज्य सरकार की ई-प्रोक्योरमेंट वेबसाइट को हैक करने और 11.5 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने का आरोप है। उस पर क्रिप्टो मुद्रा चोरी, ड्रग तस्करी और साइबर धोखाधड़ी के आरोप भी हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मनीष खरबिकर एसआईटी का नेतृत्व करेंगे जो तकनीकी विशेषज्ञों की मदद भी ले सकते हैं क्योंकि मामला साइबर अपराध से जुड़ा है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि मई में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कर्नाटक के लोगों से वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो वह बिटकॉइन घोटाले की फिर से जांच कराएगी।
उन्होंने कहा, ‘हमने इसे एक विशेष जांच दल को सौंपने का फैसला लिया है। हमने आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के तहत एसआईटी का गठन किया है।’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि एसआईटी न्याय करेगी। एडीजीपी मनीष खरबिकर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह तकनीकी लोगों की मदद भी ले सकते हैं क्योंकि यह साइबर से जुड़ा मामला है। वे विभिन्न स्रोतों की मदद भी ले सकते हैं।’
केंद्रीय एजेंसियों की किसी भी संभावित सहायता के बारे में परमेश्वर ने कहा कि उन्होंने एसआईटी को सलाह दी है कि जिसकी भी जरूरत हो, उसकी मदद ली जाए। उन्होंने कहा, ‘अगर इस संबंध में अलग से आदेश की जरूरत होगी तो हम निश्चित तौर पर ऐसा करेंगे। जब वे (एसआईटी) जांच शुरू करेंगे, तब हमें उनकी जरूरतों के बारे में पता चलेगा।’
परमेश्वर ने कहा कि सरकार ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘किसी तरह की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। हम इसकी और गंभीरता से जांच करना चाहते हैं। बहुत सी खामियां हुई हैं। उन चीजों को एसआईटी द्वारा कवर किया जाना है।’ बिटकॉइन मामलों पर मुकदमा चलाने के लिए दो विशेष अदालतें गठित करने की संभावना पर उन्होंने कहा कि जांच पहले शुरू होनी चाहिए और जहां तक जांच और कानूनी पहलुओं का सवाल है, सरकार वह सब करेगी जो मामले के आगे बढ़ने के साथ होगा।
राज्यपाल ने राज्य में भ्रष्टाचार पर जताई गंभीर चिंता
उधर, राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह लगभग संस्थागत हो गया है और राज्य सरकार इस चुनौती से निपटने और इसे खत्म करने के लिए प्रशासनिक और विधायी उपाय करेगी। राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच साल में राज्य सरकार जन केंद्रित अर्थव्यवस्था पर जोर देगी।
उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक देश के लिए बहुत बड़ा योगदान देता है और यह अभी संकट की स्थिति में आ गया है। कर्नाटक को आर्थिक संकट से बाहर निकालना (नई कांग्रेस सरकार की) प्राथमिकता होगी।’ उन्होंने कहा कि सरकार कल्याण और राज्य की अर्थव्यवस्था दोनों को संतुलित करके देश को एक मॉडल के रूप में ‘नए कर्नाटक शासन’ का प्रदर्शन करेगी।
राज्यपाल ने यह भी जिक्र किया कि संकीर्ण मानसिकता विभिन्न समुदायों के बीच विभाजन और मतभेद पैदा करती है, और ऐसी मानसिकता के अवशेष अभी भी समाज में विभिन्न स्तरों पर जीवित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण समाज के निर्माण के लिए सभी कदम उठाएगी। गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार हमारी व्यवस्था में इतना घुस गया है कि कई कारणों से यह लगभग संस्थागत हो गया है। उन्होंने कहा, ‘इसे खत्म करना एक बड़ी चुनौती है। मैं इस चुनौती से निपटने और भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए आपका सहयोग चाहता हूं। सरकार इस संबंध में सभी आवश्यक प्रशासनिक और विधायी उपाय करेगी।’उन्होंने कहा कि सरकार शासन को एक पवित्र कर्तव्य मानती है और वह गरीबों, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सभी जातियों, धर्मों और संप्रदायों को उनका उचित हिस्सा मिले। राज्यपाल ने कहा कि ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत राज्य सरकार का अतिरिक्त पांच किलो चावल आवंटन 34 रुपये प्रति किलोग्राम प्रति व्यक्ति की दर से धन के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के रूप में हर महीने गरीब परिवारों के बैंक खातों में सीधे दिया जाएगा।