बरेली में मानसून की पहली ही बारिश जानलेवा बन गई। मूसलाधार बारिश से शहर की सड़कों पर जलभराव हो गया तो आंवला में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। यहां 24 घंटे में बारिश के पानी में डूबकर तीन युवकों की मौत हो गई, जबकि एक युवक लापता है। एसडीआरएफ की टीमों ने तीनों के शव निकाले। लापता युवक की तलाश जारी है।
आंवला क्षेत्र के भीमपुर गांव का लाखन (30) शुक्रवार सुबह अपने खेत पर धान की रोपाई करने की बात कहकर निकला था। पड़ोसी गांव अख्तरपुर के लिए जाने वाले मार्ग पर बारिश का पानी भरा हुआ था। इसी रास्ते पर बनी पुलिया भी पानी में डूबी हुई थी। जैसे ही लाखन पुलिया पर पहुंचा, उसका पैर फिसल गया और सड़क किनारे भरे पानी में डूब गया।
लाखन को डूबता देख गांव के ही प्रशांत उसे बचाने के लिए पानी में कूद पड़ा। वह भी डूबने लगा तो आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें बचा लिया। तब तक लाखन गहरे पानी में समा चुका था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दमकल और एसडीआरएफ की टीम को बुलाया। नाव में बैठकर करीब दो घंटे तक लाखन की तलाश की गई। काफी मशक्कत के बाद उनके शव को निकाला गया।
पहली बार देखा बारिश के पानी का सैलाब
बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने पहली बार गांव में बारिश के पानी का ऐसा सैलाब देखा है। ग्राम प्रधान श्रीपाल सिंह लोधी ने बताया कि गांव के चारों ओर व खेतों में बारिश का पानी भरा हुआ है। आंवला-भीमपुर-अख्तरनगर के बीच संपर्क मार्ग भी पानी में डूब गया है।
एक माह पहले हुई थी पिता की मौत
लाखन के पास थोड़ी सी जमीन है। वह मेहनत-मजदूरी करके गुजारा कर रहे थे। एक माह पहले ही उनके पिता की बीमारी से मौत हो गई थी। एक भाई की भी काफी समय पहले मृत्यु हो चुकी है। लाखन अपने पीछे मां, पत्नी व दो बेटे छोड़ गए हैं। उनका बड़ा बेटा गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ता है। वही अपने परिवार में अकेले कमाने वाले सदस्य थे।
तालाब में डूबकर किसान की मौत
करुआताल गांव में शुक्रवार दोपहर खेत में धान की पौध लगाते समय किसान सुरेंद्र (22) पानी के तेज बहाव में बहकर तालाब में चला गया। लोगों ने उसे बचाने का प्रयास किया, पर वह गहरे पानी में समा गया। काफी खोजबीन के बाद जब वह नहीं मिला तो राजस्व विभाग की टीम ने देर शाम चौबारी गांव से गोताखोर बुलवाए। देर रात उसका शव तालाब से निकाल लिया गया।