वित्तीय वर्ष 2022-23 में इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात करने वाले राज्यों में तमिलनाडु शीर्ष पर रहा है। इस रिपोर्ट के आने के बाद कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सामाजिक और आर्थिक समावेशिता और प्रगतिशीलता की कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य भारत के प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक निर्यातक के रूप में उभरा और लाखों नौकरियां पैदा कीं, जबकि भाजपा के कार्यकाल में कर्नाटक हिजाब और हलाल के ध्रुवीकरण वाले विवादों में व्यस्त था।
खरगे ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं मुख्य रूप से सामाजिक और आर्थिक समावेशिता और प्रगतिशीलता की कमी के कारण भाजपा की विचारधारा और राजनीति का विरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में जब कर्नाटक हिजाब, झटका-हलाल कट और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार जैसे विवादों में व्यस्त था, हमारे पड़ोसी राज्य ने 5.37 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात किया और लाखों नौकरियां पैदा कीं और भारत के अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यातक के रूप में उभरा।
उन्होंने आगे कहा, हमारे पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को देखते हुए हमें शीर्ष स्थान पर होना चाहिए था। अब इस स्थान को फिर से प्राप्त करने का समय आ गया है। इस महीने की शुरुआत में निवेश प्रोत्साहन और एकल खिड़की सुविधा (Single Window Facilitation) के लिए तमिलनाडु सरकार की नोडल एजेंसी ने बताया कि यह राज्य भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात का पावरहाउस बन गया है क्योंकि इसने पिछले वित्तीय वर्ष में 5.37 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात किया था।
यह उपलब्धि हमारे द्रविड़ मॉडल शासन का एक छोटा उदाहरण: स्टालिन
एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा, तमिलनाडु इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। यह राज्य के जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र का एक प्रमाण है जो व्यवसायों को निवेश, नवाचार और निर्माण के लिए प्रोत्साहित करता है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे द्रविड़ मॉडल शासन का एक छोटा उदाहरण है।
स्टालिन ने कहा कि हम तमिलनाडु को निवेशकों के लिए पहले बंदरगाह के रूप में स्थापित करने और इसे दक्षिण एशिया का निवेश केंद्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हम अवसरों की तलाश करना और उनमें उत्कृष्टता हासिल करना जारी रखेंगे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक सामान के निर्यात में 4.90 अरब डॉलर के साथ उत्तर प्रदेश के बाद तमिलनाडु दूसरे और 2.27 अरब डॉलर के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है। चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः महाराष्ट्र और गुजरात रहे।