आस्ट्रेलिया और चीन के बीच गहराते तनाव के बीच सोमवार को यहां मीडिया ने दुनियाभर में रह रहे और कार्य कर रहे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के करीब 20 लाख कथित कार्यकताओं के पद, जन्म की तारीख, राष्ट्रीय पहचान पत्र संख्या, जातीयता जैसे आधिकारिक रिकॉर्ड के बड़े डेटा लीक की खबर दी। द ऑस्ट्रेलियन अखबार द्वारा दी गई डेटा लीक की खबर में खुलासा किया गया है कि कैसे कथित CPC सदस्य रक्षा और बैंक के क्षेत्रों के दुनिया के कुछ बड़े कॉरपोरेशनों में एवं कोरोना वायरस के वैक्सीन के मैन्युफैक्चरिंग में लगी बड़ी दवा कंपनियों में नियुक्त किए गए।
वैश्विक कंपनियों और वाणिज्य दूतावासों में करते हैं काम
अखबार के मुताबिक, जिन कंपनियों में CPC सदस्य काम पर लगाए गए हैं वे बोइंग एंड वोल्क्सवेगन , दिग्गज दवा कंपनियां फाइजर और आस्ट्रेजेनिका तथा ANZ एवं HSBC समेत वित्तीय संस्थान हैं। इस लीक में 19.5 लाख CPC सदस्यों के ब्योरे का खुलासा किया गया है जिसे व्हिसलब्लोअर ने शंघाई के सर्वर से हासिल किया। द ऑस्ट्रेलियन के विश्लेषण में सामने आया कि पूर्वी चीनी महानगर शंघाई में कम से कम 10 वाणिज्य दूतावासों में CPC सदस्य वरिष्ठ राजनीतिक एवं सरकारी विषयक विशेषज्ञ, लिपिक, आर्थिक सलाहकार और कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त गए हैं।
ऑस्ट्रेलियाई, ब्रिटिश और अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों में भी घुसपैठ
अखबार ने 79,000 ब्रांचों का भी खुलासा किया है और उनमें से कई कंपनियों, विश्वविद्यालयों और सरकारी एजेंसियों में है। इस लीक में आरोप लगाया गया है कि सत्तारूढ़ CPC शंघाई में ऑस्ट्रेलियाई, ब्रिटिश और अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों में घुसपैठ कर चुकी है। विदेश मामले एवं व्यापार विभाग स्थानीय कर्मियों की भर्ती के लिए चीनी सरकारी एजेंसी की मदद लेता है। द ऑस्ट्रेलियन पत्रकार और स्काई न्यूज (Sky News) की होस्ट शैरी मार्कसन ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इसे दुनिया में अपनी तरह का पहला लीक माना जा रहा है।
शी जिनपिंग के तहत करते हैं काम
मार्कसन ने कहा कि इस डेटाबेस के बारे में चौंकाने वाली बात केवल यह नहीं है कि यह उन लोगों को बेनकाब करती है जो कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं और जो अब ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका और ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया में रह रहे हैं एवं कार्य कर रहे हैं बल्कि यह इस बात पर भी पर्दा हटाती है कि कैसे पार्टी राष्ट्रपति और अध्यक्ष शी जिनपिंग (Xi Jinping) के तहत काम करती है। उन्होंने कहा कि CPC ब्रांच पश्चिमी कंपनियों के अंदर स्थापित की गई हैं जहां सदस्यों को यदि बुलाया जाता है तो वे सीधे पार्टी और स्वयं राष्ट्रपति शी के प्रति जवाबदेह होते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह कुछ उन वैश्विक कंपनियों को असहज कर सकता है जो अपनी बौद्धिक संपदा की चोरी से रक्षा या आर्थिक जासूसी से बचने के उपाय की योजना नहीं करने वाली जान पड़ती हैं। मार्कसन ने कहा कि यह लीक एक अहम सुरक्षा उल्लंघन है और शी को परेशान कर सकता है। यह डेटा चीनी बागियों ने अप्रैल, 2016 में शंघाई के एक सर्वर से चुराया था। ऑस्ट्रेलिया का शीर्ष व्यापारिक साझेदार चीन के साथ तब रिश्ता खटासपूर्ण हो गया जब वह अपने 5जी नेटवर्क में चीन की हुवई कंपनी पर सार्वजनिक रूप से रोकने वाला पहला देश बन गया। उसके बाद जब ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति स्थल के बारे में जांच की मांग की तब दोनों के बीच रिश्ते और बिगड़ गए।