अलवर में भाजपा के नेता, रामगढ़ के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कांग्रेस की सरकार को “चूचू का मुरब्बा” बताया और कहा है कि जिस सरकार के 8-10 विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलते हैं। यह बहुत बड़ी गंभीर बात है।
अलवर के रामगढ़ से बीजेपी के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने आज अलवर भाजपा कार्यालय पर पत्रकार वार्ता के दौरान ये आरोप लगाए। उन्होंने कहा- विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने जिस लाल डायरी का जिक्र किया है, उसमें सभी राज हैं। उन्होंने गुढ़ा का समर्थन करते हुए कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा को अखाड़ा बना दिया और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
आहूजा ने कहा-पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में चुनाव लड़कर जीते मौजूदा सभी कांग्रेस विधायकों को टिकट पायलट के द्वारा ही दिए गए, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बनाया। उसी सचिन पायलट के लिए मुख्यमंत्री ने निकम्मा, निकृष्ट, कोरोना जैसे शब्दों का उपयोग किया। उन्होंने बताया कि यह सब कुछ कांग्रेस हाईकमान के इशारे पर चल रहा है। जहां सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी हैं, क्योंकि जब भी कोई प्रभारी राजस्थान में लगाया जाता है, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनको किसी न किसी रूप में खुश कर देते हैं। जो प्रभारी ऑब्जर्वर बनकर आए थे, अजय माकन और अब वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ भी कैसा बर्ताव किया गया, यह सब के सामने है।
भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए आहूजा ने कहा कि राजस्थान में एसीबी ने सबसे ज्यादा कार्रवाई की। अलवर में भी जिला कलेक्टर से लेकर काफी अधिकारी राजनेता पकड़े गए, लेकिन किसी के खिलाफ भी अभियोजन स्वीकृति नहीं दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि एसीबी के 1822 मामले में मात्र 17 फ़ीसदी मामलों में ही अभियोजन स्वीकृति दी गई। इसलिए विभाग उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता।
महिलाओं को मुफ्त मोबाइल देने के मामले पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में 19 हज़ार 500 करोड़ का टेंडर होना था। अगर टेंडर हो जाता, तो सरकार को वह पैसा देना पड़ता। इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब कहा है कि महिलाएं मोबाइल खरीदें और हमें उसका बिल पेश करें, तो हम भुगतान कर देंगे। उन्होंने सवाल किया कि अगर गरीब महिला के पास मोबाइल खरीदने के पैसे होते, तो फिर वह सरकार की तरफ मुंह क्यों ताकती? उन्होंने आरोप लगाया कि गोवंश के नाम पर सेस लगाया गया। 3000 करोड़ रुपये मदरसों पर और पीडब्ल्यूडी में खर्च कर दिए गए। ग्रीन बेल्ट के नाम पर तीन साल में 850 करोड़ रुपये की राशि लगा दी गई। बिजली में राहत की बात करते हैं, लेकिन फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 26 सौ करोड़ रुपये की राशि कहां गई? कोई पता नहीं है।
राजस्थान में गैंगस्टर और गैंगवार होने लगे-आहूजा
उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान कभी भी अशांत नहीं रहा। आज हालत ये है कि यूपी, बिहार, बंगाल की तरह राजस्थान में गैंगस्टर और गैंगवार होने लगे हैं और इन्हीं नेताओं की सरपरस्ती में राजस्थान में 6 गैंग काम कर रही हैं। महिला दुष्कर्म के मामले में राजस्थान एक नंबर पर है। महिलाओं पर अत्याचार के करीब 40738 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इसके अलावा व्यवसायियों से वसूली के मामले भी राजस्थान में बढ़ते जा रहे हैं। लूटपाट के मामले बढ़ते जा रहे हैं और अब कोई भी बिजनेसमैन या व्यापारी सुरक्षित नहीं है। अगर वह कहीं अपनी उधारी को लेने जाता है, तो उसको रास्ते में लूट लिया जाता है। राजस्थान में अपराध की चरम सीमा है।
आरएसएस ना खत्म हुई है ना होगी
कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के बयान का आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बारे में उन्होंने जो गलत शब्द का उपयोग किया है यह निंदनीय है और इनकी भाषा ही ऐसी है। इस रंधावा को कोई नहीं जानता पंजाब की राजनीति में ,लेकिन यहां पर आकर यह ज्यादा ही बयान बाजी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रभारियों के मुंह बंद करने के लिए केंद्रीय आलाकमान को लाखों- करोड़ों रुपए देते हैं। इसलिए जो भी प्रभारी अशोक गहलोत के खिलाफ आते हैं, उनको हटवा दिया जाता है। इस वक्त राजस्थान की राजनीति में रंधावा अंधों में काना राजा साबित हो रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर भी उन्होंने आरोप लगाया कि वह कहते हैं कि आरएसएस खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आरएसएस ना खत्म हुई है ना होगी और डोटासरा पर भी उन्होंने आरोप लगाया कि आरपीएससी में अपने परिजनों को रिश्तेदारों को अधिकारी बना दिया। आरपीएससी इस वक्त भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। इसके अलावा कुछ भी नहीं है।