उत्तरकाशी: स्कूल की नई बिल्डिंग में बैठते ही बेहोश होने लगी एक के बाद एक छात्रा

उत्तरकाशी जिले में धौंतरी उपतहसील के राजकीय इंटर कॉलेज कमद में एक सप्ताह बाद बच्चे स्कूल पहुंचे, लेकिन यहां स्कूल के नए भवन में बैठते ही एक के बाद एक छात्रा बेहोश होने लगीं। बुधवार को एक दो बच्चे ही बेहोश हो रहे थे। लेकिन आज स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की चिंता उस समय बढ़ गई। ज़ब  एक साथ कक्षा 10 बालिकाएं बेहोश हो गई।

शिक्षकों और अभिभावकों ने छात्राओं को बाहर निकाला और मैदान में लाया तो वह चीखने चिल्लाने लगी। अभिभावक अब्बल सिंह राणा ने बताया की सभी बीमार छात्राओं को अभिभावक देव पश्वा के पास ले गए हैं। राणा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मामले का संज्ञान लेकर समाधान की मांग की है।

इससे पहले उत्तराखंड के चंपावत जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां चंपावत जिला मुख्यालय से 93 किमी दूर स्थित जीआईसी रमक में कुछ छात्राएं एक साथ रोने, चीखने और कक्षाओं से भागने लगी थी।

Girl students fainted in school then started crying and shouting together due to Mass hysteria Uttarkashi

करीब 39 छात्राएं ऐसी हरकतें कर रही हैं। अभिभावक इसे दैवीय प्रकोप बता रहे थे, जबकि शिक्षा विभाग ने इसे मास हिस्टीरिया बताया।

क्या होता है मास हिस्टीरिया 
हिस्टीरिया आमतौर पर मनोविकार या मनोवैज्ञानिक समस्या है। इसमें कई बार किसी एक व्यक्ति की असामान्य हरकत की साथ के अन्य लोग नकल करते हैं। इसमें व्यक्ति भीतर ही भीतर घुट रहा होता है और अपना दर्द किसी को बता नहीं पाता। पहाड़ में ऐसे मामलों में ज्यादातर देव डांगर और झाड़फूंक का सहारा लिया जाता है। ऐसे मरीज दूसरे को झूमते देखते हैं, तो वे भी उसकी नकल करने लगते हैं। मोटे तौर पर इसे ही मास हिस्टीरिया कहते हैं। ये समस्या ज्यादातर कम पढ़ी लिखी या मन की बात को न कह पाने की वजह से सामने आती है। 

Girl students fainted in school then started crying and shouting together due to Mass hysteria Uttarkashi

लक्षण: 
पेट या सिर दर्द, बालों को नोंचना, हाथ पांव पटकना, इधर-उधर भागना, रोना, चिल्लाना, गुस्सा करना, उदास रहना, थोड़ी देर के लिए बेहोश होकर अकड़ जाना, भूख और नींद में कमी आना। 

Girl students fainted in school then started crying and shouting together due to Mass hysteria Uttarkashi

इलाज
– मनोचिकित्सक को दिखाया जाए
– काउंसिलिंग के साथ उस परिवार को जागरूक किया जाए
– मन को केंद्रित कर खुद के जीवन में परिवर्तन लाने और नियंत्रण के उपाय खोजे जाएं

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