वाराणसी: व्यवसायी राजकुमार हत्याकांड में नामजद मां-बेटा पंजाब से गिरफ्तार

वाराणसी के मुकीमगंज निवासी व्यवसायी राजकुमार यादव की हत्या जमीन विवाद के अलावा रिश्ते की एक लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में उनके द्वारा की जा रही प्रभावी पैरवी के कारण की गई थी। यह खुलासा मुकदमे में नामजद मां-बेटे और उनके एक सहयोगी को पंजाब के मोहाली के एसएएस नगर से गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को पुलिस ने किया। वहीं, वारदात को अंजाम देने वाले दो शूटरों और पांच अन्य नामजद की गिरफ्तारी के मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं।

व्यवसायी राजकुमार यादव बीते 14 जुलाई की सुबह अपने छोटे बेटे को लेढ़ूपुर स्थित स्कूल छोड़ने गए थे। वहां से वह घर के लिए निकले। तिलमापुर क्षेत्र में रंगीलदास पोखरा चौराहा के समीप बाइक सवार नकाबपोश दो बदमाशों ने उन्हें तीन गोली मारी थी। उपचार के दौरान बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में 19 जुलाई को उनकी मौत हो गई थी।

सर्विलांस की मदद से मिला बड़ा सुराग

राजकुमार यादव की पत्नी ज्योति यादव की तहरीर के आधार पर सारनाथ थाने में उनके छोटे भाई व गाजीपुर जिले में बंद आदमपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर विजय यादव, उसकी दो पत्नियों और बेटे सहित आठ के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया।सर्विलांस की मदद से पता लगा कि विजय यादव का करीबी लखनऊ में रहने वाला और मऊ जिले के सरायलखंसी थाने के इमिलिया चांदपुर निवासी धर्मेंद्र मौर्या ने उसकी पत्नी सोनी यादव व बेटे शिवम यादव को मोहाली स्थित एक होटल में शरण दिला रखी है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने छापा मार कर तीनों को गिरफ्तार किया और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर वाराणसी लेकर आई। अदालत में पेश कर तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। तीनों के पास से आठ मोबाइल, 18 सिम, चार आधार कार्ड, तीन एटीएम कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस और 400 रुपये बरामद हुए।

पेशी पर आने के दौरान विजय ने रची थी हत्या की साजिश

गिरफ्तार सोनी और उसके बेटे शिवम ने पुलिस को बताया कि विजय यादव और राजकुमार यादव के बीच सारनाथ क्षेत्र के कीमती जमीन को लेकर विवाद था। रिश्तेदारी की एक लड़की से दुष्कर्म के आरोप में विजय जेल में बंद है। उस मामले में राजकुमार प्रभावी तरीके से पैरवी कर रहे थे। इससे खार खाकर विजय ने राजकुमार की हत्या की साजिश लगभग एक महीने रची। जब वह गाजीपुर जेल से वाराणसी पेशी पर आया था तो उसके सभी करीबी मिले। विजय ने अपने साथी कॉलोनाइजर अनिल यादव को राजकुमार की हत्या के लिए शूटरों की व्यवस्था करने को कहा। सुबह बेटे को स्कूल छोड़ने जाने के दौरान वारदात को अंजाम देने की बात तय हुई।

हत्या से एक दिन पहले मां-बेटा चले गए थे लखनऊ

सोनी और शिवम ने बताया कि राजकुमार की हत्या से एक दिन पहले दोनों धर्मेंद्र मौर्या के द्वारा लखनऊ में बताए हुए ठिकाने पर चले गए थे। उससे पहले दोनों ने नया सिम ले लिया था और पुराने सभी नंबर बंद कर दिए थे। 14 जुलाई को राजकुमार को गोली मारी गई तो धर्मेंद्र वाराणसी में ही था। गोली मारे जाने की खबर पुष्ट हो गई तो धर्मेंद्र लखनऊ आ गया। धर्मेंद्र के साथ दोनों दिल्ली गए। विजय के साथ धर्मेंद्र लगभग 15 साल से से जुड़ा था और अवैध शराब की तस्करी के काम में उसकी गहरी पैठ है। शराब तस्करों की मदद से ही धर्मेंद्र चंडीगढ़ और मोहाली में दोनों को ठिकाने बदल-बदल कर ठहराए हुए था।

हत्या विजय ने ही कराई, शूटरों का नहीं पता

सोनी और शिवम ने बताया कि राजकुमार यादव की हत्या विजय यादव ने ही कराई है, यह बात तय है। गोली मारने वाले शूटरों के बारे में विजय का दोस्त अनिल यादव ही बता सकता है। बता दें कि राजकुमार यादव की हत्या के मामले में पुलिस को अभी दो शूटरों के साथ ही सारंगतालाब क्षेत्र के रहने वाले अनिल यादव, विजय यादव की दूसरी पत्नी आरती यादव, पिंटू यादव उर्फ आशुतोष, रोहित यादव और चाट विक्रेता रविंदर की तलाश है।

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