धनंजय सिंह पर जानलेवा हमले के मामले में वादी धनंजय के अधिवक्ता बहस करेंगे या नहीं, इस मुद्दे पर विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अवनीश गौतम की कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। अदालत ने इस मामले में आदेश के लिए चार अगस्त की तिथि नियत कर दी है।
क्या है पूरा मामला
जौनपुर के तत्कालीन विधायक धनंजय सिंह अपने साथियों के साथ चार अक्टूबर 2002 को सफारी गाड़ी से परिवार के सदस्य रामजी सिंह की पत्नी को कबीरनगर स्थित एक अस्पताल से देखकर वापस जौनपुर लौट रहे थे। वह जैसे ही शाम छह बजे नदेसर स्थित टकसाल सिनेमाहाल के पास पहुंचे, तभी वहां टाटा सफारी और एक बोलेरो में सवार राजेपुर महराजगंज फ़ैजाबाद निवासी अभय सिंह अपने 4-5 साथियों के साथ इन गाड़ियों से स्वचालित असलहे रायफल बंदूक लिए उतरे।
जिसके बाद अभय सिंह ने ललकारते हुये कहा कि यही धनंजय सिंह है मारो और हाथ में लिए पिस्टल से जान से मरने की नियत से गोली चलाने लगे और उनकी गाड़ी के सामने अपनी गाड़ी खड़ी कर दी, तभी बोलेरो से एक आदमी उतरकर फायर करने लगा। जिससे बाजार में भगदड़ मच गई और लोग डर कर इधर-उधर भागने लगे और दुकानें बंद होने लगी। इस हमले में तत्कालीन विधायक व पूर्व सांसद धनंजय सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह, संतोष सिंह, गनर बासुदेव पाण्डेय व ड्राईवर दिनेश गुप्ता घायल हो गए थे। इस बीच पुलिस की गाड़ी आ गई इस दौरान अभय व उसके साथी अपने वाहनों से भाग गए। जिसके बाद इस मामले में धनंजय सिंह ने कैंट थाने में अभय सिंह समेत 4-5 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।