ज्ञानवापी के मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में बुधवार को वादिनी राखी सिंह ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में बुधवार को एक नई अर्जी दाखिल की है। इसके जरिये संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षित करने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया है। कहा गया है कि ज्ञानवापी में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के लोग आते-जाते रहते हैं। हिंदू धर्म से संबंधित साक्ष्य नष्ट किए जाने की आशंका है। इस मामले में चार अगस्त को सुनवाई होगी।
राखी सिंह ने जिला जज की अदालत में अपने अधिवक्ता मान बहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी के जरिये अर्जी दाखिल की। कहा कि ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी प्रकरण न्यायालय के समक्ष लंबित है। वाद के विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के लोग उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से उक्त परिसर में आते-जाते रहते हैं।
वह वहां मौजूद हिंदू धर्म से संबंधित ऐतिहासिक और पूर्व में अधिवक्ता कमीशन के सर्वे के दौरान परिलक्षित हुए साक्ष्य को नष्ट कर रहे हैं। जबकि, इस मामले में सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी के शेष परिसर का एएसआई के जरिये वैज्ञानिक विधि से जांच करने के लिए न्यायालय द्वारा बीते 21 जुलाई को आदेशित किया गया था।
प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी संख्या-एक राखी सिंह को अपने अधिवक्ता के माध्यम से यह भी पता चला है कि 24 जुलाई 2023 को सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक ज्ञानवापी परिसर में एएसआई ने सर्वे किया था। उस दिन भी प्रतिवादी संख्या चार अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के लोगों ने परिसर के अंदर मौजूद तथाकथित मस्जिद के दरवाजे में ताला बंद किया था।
मस्जिद की चाबी एएसआई को सर्वे के लिए नही सौंपी गई थी।इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रतिवादी संख्या चार महज वहां मौजूद हिंदू धर्म से संबंधित साक्ष्यों को नष्ट करने की नियत से उक्त कृत्य कर रहा है। उक्त परिस्थिति में अगर वहां हिंदू धर्म से संबंधित उपलब्ध साक्ष्य नष्ट हो जाएंगे तो मुकदमे के निस्तारण में समस्या व परेशानी होगी। साथ ही, उपयुक्त न्यायिक निष्कर्ष तक पहुंचने में समस्या होगी। ऐसे में अदालत से अनुरोध किया गया है कि परिस्थिति को देखते हुए संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षित करने हेतु आदेशित करें। अदालत ने इस मामले में वादिनी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए चार अगस्त की तिथि नियत कर दी।