विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर जानलेवा हमले के मामले में उनके निजी अधिवक्ता देवेंद्र सिंह को बहस करने की अनुमति दे दी। इसी के साथ अधिवक्ता देवेंद्र सिंह व शशिकांत राय उर्फ चुन्ना ने धनंजय सिंह को अदालत में फिर से तलब किए जाने के मुद्दे पर उनका पक्ष रखा। वहीं, आरोपी संदीप सिंह की तरफ से अधिवक्ता अनुज यादव और वरुण प्रताप सिंह प्रिंस ने पक्ष रखा।
सुनवाई के दौरान एडीजीसी विनय कुमार सिंह भी कोर्ट में मौजूद रहे। अदालत ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद आदेश के लिए 17 अगस्त की तिथि नियत कर दी। प्रकरण के मुताबिक, जौनपुर के रारी से तत्कालीन विधायक धनंजय सिंह अपने साथियों के साथ चार अक्तूबर 2002 को चारपहिया वाहन से वाराणसी से वापस जा रहे थे।
सरेराह फायरिंग से बाजार में मची थी भगदड़
वह नदेसर स्थित टकसाल सिनेमाहॉल के पास पहुंचे थे। तभी वहां दो चारपहिया वाहन में सवार फैजाबाद के राजेपुर महराजगंज निवासी अभय सिंह अपने चार-पांच साथियों के साथ स्वचालित असलहे लेकर नीचे उतरे। अभय सिंह ने ललकारते हुए कहा कि यही धनंजय सिंह है, इसे मारो।
इसके बाद जान से मरने की नीयत से गोली चलाने लगे और उनके वाहन के सामने अपनी गाड़ी खड़ी कर दी। सरेराह फायरिंग से बाजार में भगदड़ मच गई। लोग डर कर इधर-उधर भागने लगे और दुकानें बंद होने लगी। इस हमले में तत्कालीन विधायक धनंजय सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह, संतोष सिंह, गनर बासुदेव पांडेय व ड्राइवर दिनेश गुप्ता घायल हुए थे।
पुलिस के आने पर अभय सिंह अपने साथियों के साथ मौके से भाग निकले। इस मामले में धनंजय सिंह ने कैंट थाने में अभय सिंह समेत चार-पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।