संसद: सदियों पुराने मंदिरों की हालत पर उठे सवाल, सरकार ने दिया जवाब

सरकार ने गुरुवार को संसद में कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत मंदिरों सहित 3,696 केंद्र-संरक्षित स्थल हैं। इनमें से कोई भी मंदिर जर्जर स्थिति में नहीं है।

सरकार से यह किए गए सवाल
दरअसल,सरकार से पूछा गया था कि क्या यह सच है कि देश में बड़ी संख्या में सदियों पुराने मंदिर जर्जर स्थिति में हैं और उनकी मरम्मत की आवश्यकता है? साथ ही यह भी पूछा गया कि क्या केंद्र ने राज्य सरकारों के परामर्श से ऐसी संरचनाओं की एक व्यापक सूची तैयार की है?

संस्कृति मंत्री ने दिया जवाब
इन सवालों का संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एएसआई द्वारा ऐसी कोई सूची तैयार नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि देश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत मंदिरों सहित 3,696 केंद्रीय संरक्षित स्थल हैं। एएसआई के अधिकार क्षेत्र में कोई भी मंदिर जर्जर स्थिति में नहीं है और सभी अच्छी स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा कि एएसआई राष्ट्रीय संरक्षण नीति, 2014 का पालन करते हुए आवश्यकता और संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार मंदिरों सहित विभिन्न स्मारकों/स्थलों का संरक्षण कार्य करता है।

एएसआई में दो हजार से ज्यादा रिक्तियां
संस्कृति मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि एएसआई में स्वीकृत 8,778 पदों के मुकाबले 2,701 रिक्तियां हैं। एएसआई में पिछले चार वर्षों में सृजित पदों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 758 पद सृजित किए गए।

इस सवाल का नहीं दिया जवाब
बता दें, सरकार से सदियों पुराने मंदिरों के बारे में पूछा गया था, लेकिन मंत्री ने सिर्फ केवल एएसआई-संरक्षित स्थलों के बारे में जवाब दिया।

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