अलका लांबा के बयान पर भड़की आप, I.N.D.I.A. गठबंधन पर उठाए सवाल

कांग्रेस ने बुधवार को संकेत दिया कि वह अगले साल दिल्ली की सभी 7 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी और आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। अब इसको लेकर राजनीति तेज होती दिख रही है। यह विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन के लिया बड़ा झटका है। कांग्रेस के इस दाव के बाद अब आम आदमी पार्टी भी अपने तेवर दिखाने लगी है। हालांकि, कांग्रेस फिलहाल डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। दिल्ली कांग्रेस को सभी सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को लेकर दिए गए अलका लांबा के बयान पर एआईसीसी दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने अपनी सफाई दी है। 

कांग्रेस की सफाई, आप का वार

दीपक बाबरिया ने कहा कि अलका लांबा एक प्रवक्ता हैं लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए वह अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं। प्रभारी के तौर पर कहा कि आज बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई। मैं अलका लांबा के बयान का खंडन करता हूं।उन्होंने कहा कि बैठक ख़त्म होने के बाद मैंने साफ़ कहा कि बैठक में चुनाव या गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। मैंने यह भी कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन की कोई भी चर्चा केवल मल्लिकार्जुन खरगे जी की उपस्थिति में होगी। अलका लांबा के बयान पर आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेने पर आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “…अगर वे (कांग्रेस) दिल्ली में गठबंधन नहीं बनाना चाहते हैं, तो इंडिया गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं है, यह समय की बर्बादी है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि इंडिया अलायंस की अगली बैठक में शामिल होना है या नहीं।”

अलका लांबा ने क्या कहा था

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा, ”तीन घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया मौजूद रहे। हमें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा गया है। यह तय हुआ है कि हम चुनाव सभी 7 सीटों पर लड़ेंगे। सात महीने बचे हैं और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को सभी सात सीटों के लिए तैयारी करने के लिए कहा गया है।” सूत्रों ने कहा कि दिल्ली इकाई ने नेतृत्व को राष्ट्रीय राजधानी में लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन नहीं करने का संकेत दिया है। 

धर्मेंद्र प्रधान का तंज

विपक्षी गठबंधन पर तंज सकते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने एक ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अब कांग्रेस दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। साफ है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के पैरों से दरी खींच ली है। उन्होंने कहा कि ‘घमंडिया गठबंधन’ की तरफ से ये अभी पहला रुझान है। आगे कांग्रेस को यूपी में सपा, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में RJD-JDU के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है। कांग्रेस को या तो अकेले चुनाव लड़ना होगा या फिर किसी गठबंधन में तीसरे दर्जे की पार्टी रहकर पूरे देश में 100 सीट भी लड़ने को मिल पाना मुश्किल है। अब साफ हो रहा कि ‘घमंडिया गठबंधन’ केवल सदन में गतिरोध पैदा कर कामकाज रोकने की गलत नीयत व दिखावे के लिए बना था। यह गठबंधन ही 2024 तक नहीं टिकेगा।

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