पार्टी छोड़ने वालों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध रणनीति का इस्तेमाल कर रहे शरद पवार: राउत

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार अपनी पार्टी छोड़ने वालों से लड़ने के लिए गुरिल्ला युद्ध की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ युद्ध के मैदान में लड़ रही है।

उन्होंने कहा, ‘शरद पवार और उनके सहयोगियों ने पार्टी छोड़ने वालों से लड़ने के लिए गुरिल्ला युद्ध की रणनीति चुनी है।’ अजित पवार और राकांपा के आठ विधायक दो जुलाई को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी में विभाजन हो गया था।

राकांपा प्रमुख के इस बयान से सियासी गलियारे में हलचल
यह दावा करने के कुछ घंटों के बाद कि राकांपा में कोई विभाजन नहीं है और उपमुख्यमंत्री अजित पवार इसके नेता, शरद पवार ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। उनकी इस टिप्पणी से सियासी गलियोारों में हलचल मच गई थी।

शरद एमवीए और इंडिया गठबंधन के महत्वपूर्ण नेता: संजय राउत
राउत ने कहा, ‘शरद पवार कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। वह महा विकास अघाड़ी और इंडिया गठबंधन के एक महत्वपूर्ण नेता हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब यह नहीं है कि वह दो पत्थरों पर खड़े हैं। शरद पवार के बारे में किसी को कोई भ्रम नहीं है।’ राउत ने यह भी कहा कि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि शिवसेना और राकांपा दोनों को विभाजन का सामना करना पड़ा था।

पार्टी में किसी प्रकार की टूट नहीं: शरद पवार
उधर, राकांपा प्रमुख शरद ने आज इस बात को दोहराया कि पार्टी में किसी प्रकार की टूट नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि कुछ विधायक पार्टी छोड़कर चले गए हैं, लेकिन केवल विधायोकं का मतलब पूरी राजनीतिक पार्टी नहीं है। कोल्हापुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह राकांपा के अध्यक्ष हैं और जयंत पाटिल इसकी राज्य इकाई के प्रमुख हैं। 

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी के बागियों के प्रति नरम रुख अपना रहे हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘बागियों के नाम लेकर उन्हें महत्व क्यों दिया जा रहा है।’ शुक्रवार को जब पवार से उनकी बेटी और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के बयान के बारे में पूछा गया कि राकांपा विभाजित नहीं हुई है और अजित पवार उसके नेता बने रहेंगे, तो उन्होंने कहा, हां,  ‘इस बारे में कोई विवाद नहीं है।’ लेकिन कुछ घंटे बाद पवार ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया।

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