पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में रविवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। वहीं, घटना को लेकर विपक्ष ने बंगाल सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि फैक्ट्री में होने वाले विस्फोटक बंगाल सरकार की विफलता को दर्शाता है।
कोलकाता से लगभग 30 किलोमीटर दूर धमाका
पुलिस ने बताया कि विस्फोट सुबह करीब 10 बजे हुआ। कोलकाता से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर में दत्तपुकुर पुलिस थाना क्षेत्र में नीलगंज के मोशपोल में कई लोग कारखाने में काम कर रहे थे। उस समय अचानक फैक्ट्री में विस्फोट हो गया।
अधिकारी ने कहा कि अब तक तीन शव मिले हैं। विस्फोट में कई लोग घायल हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें, इससे पहले मई में पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में इसी तरह का विस्फोट हुआ था, जिसमें 12 लोग मारे गए थे। दत्तपुकुर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट पर फायर स्टेशन अधिकारी आशीष घोष ने बताया कि पांच शव बरामद किए गए हैं।
पूरे राज्य में चल रहीं अवैध फैक्ट्रियां
पश्चिम बंगाल विधानसभा के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि सिर्फ इस फैक्ट्री में ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में ऐसी अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि इन अवैध कारखानों को बंद कर दिया जाएगा, लेकिन वह चोरों को बचाने में व्यस्त हैं। अधिकारी ने कहा कि सीएम का काम राज्य में इमामों के साथ बैठकें करना और सांप्रदायिक कार्ड खेलना है।
… अवैध कारोबार चलता रहता है
वहीं, फैक्ट्री में हुए धमाके पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस मात्रा में विस्फोटक मिले हैं उससे साफ है कि बंगाल सरकार ने विस्फोटकों को जहां चाहे इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। यह बंगाल सरकार की विफलता को दर्शाता है। चौधरी ने आगे कहा कि जब विस्फोट होता है, तो हमें पता चलता है कि कोई मर गया है। उसके बाद हर कोई शांत हो जाता है और अवैध कारोबार चलता रहता है। उन्होंने कहा कि सरकार चुप रहना पसंद करती है और आम आदमी इसकी कीमत चुकाता है।