मध्य गंगा नहर में पानी छोड़ने से पहले मुलकटा गांव के पास स्थापित की गई पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा को चौबीस घंटे के भीतर हटा दिया गया। इससे किसान नेताओं और लोकदल के पदाधिकारी में गुस्सा भड़क गया। थोड़ी देर में मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।
सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की शह पर प्रतिमा को हटाने का आरोप लगाकर किसान धरने पर बैठ गए। किसानों ने प्रतिमा को दोबारा लगाए जाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। मध्य गंगा नहर फेज टू में ट्रायल के लिए दूसरी बार हरिद्वार बैराज से एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
पानी मंगलवार दोपहर बाद नहर में पहुंचा। सिंचाई विभाग की ओर से रजबपुर क्षेत्र में मुलकटा गांव के पास छोटा डैम बनाया गया है। यहां से बहजोई और चंदौसी के लिए पानी छोड़ा जाएगा। फिलहाल बहजोई को जाने वाली नहर को चालू किया गया है।
इस डैम पर सिंचाई विभाग की ओर से सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा लगाई गई थी। जिसे लेकर किसान संगठन के लोग खुश थे। लेकिन नहर में पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार रात प्रतिमा को हटा दिया गया।
बुधवार की सुबह जब इसकी जानकारी भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पदाधिकारी को हुई तो उनका गुस्सा भड़क गया। थोड़ी देर में भाकियू नेता और रालोद के पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए। यहां सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों का खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।
भाकियू टिकैत गुट के जिलाध्यक्ष चौधरी रामपाल सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा लगाई गई प्रतिमा को सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की शह पर हटाया गया है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक प्रतिमा दोबारा से उसी स्थान पर नहीं लगाई जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी दानवीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, जयकीरत सिंह, मोहन बेनीवाल समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद है।