दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस पीसी में उन्होंने दिल्ली सर्विस बिल को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा और उन्होंने कहा कि ये बिल दिल्ली सरकार की सभी शक्तियों को केंद्र के हिसाब से चलाता है। जैसा की आप सभी लोग देख रहे हैं कि दिल्ली में संविधान की छज्जियां उड़ रही हैं।
आतिशी ने पीसी के दौरान कहा कि केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लेकर आई है। जो दिल्ली सरकार की सारी ताकत को छिन लेता है। जो हमारे देश के संविधान ने एक लोकतंत्र बनाया। लोकतंत्र का क्या मतलब है। जो लोगों के जरिए जाना जाता है। जो यह बिल है। चुनी हुई सरकार के प्रति अफसरों की जवाबदेही को खत्म कर देता है।
आगे कहा कि कुछ दिन पहले मैं एक चिट्ठी मुख्य सचिव नरेश कुमार की लेकर आई थी। जिसमें उन्होंने 10 पेज की चिट्ठी में कहा था कि वह दिल्ली की चुनी हुई सरकार के मंत्री के आदेश का पालन नहीं करेंगे। वह पहला परिणाम था। किस तरह से अफसरों ने चुनी हुई सरकार के मंत्रियों की बात मानने से मना कर दिया।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सवाल है कि अभी तो ऐसा उन्होंने कहा है। बाद में अन्य सचिव कहने लगे कि हम तो उनका आदेश नहीं मानेंगे तो दिल्ली में काम कैसे होगा। जहां फाइनेंस सेक्रेटरी ने इस 40 पेज के चिट्ठे को भेजकर मेरे द्वारा भेजे गए आदेश को मानने से मना कर दिया। प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनेंस सतीश चंद्र वर्मा ने मुझे यह चिट्ठी भेजी।
सीएम केजरीवाल ने किया ट्वीट
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी अफसरों के आदेश नहीं मानने पर ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली सर्विसस बिल चुनी हुई सरकार के आदेश के खिलाफ इन आधिकारियों की खुली बगावत है। अधिकारी दिल्ली सरकार के मंत्रियों के आदेश नहीं मान रहे हैं। क्या किसी देश या राज्य में ऐसा हो रहा है। जहां मंत्री के आदेश को अधिकारी नहीं मान रहे हैं। भाजपा क्या चाहती है।