विपक्षी गुट इंडिया, जो मुंबई में अपनी तीसरी बैठक कर रहा है, ने 13 सदस्यों वाली एक केंद्रीय समन्वय समिति की घोषणा की। गठबंधन ने आगामी लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने का प्रस्ताव भी पारित किया है। पैनल में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी, आप सांसद राघव चड्ढा, समाजवादी पार्टी से जावेद खान, जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सीपीआई नेता डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
मिलकर चुनाव लड़ने का संकल्प
हालांकि, गठबंधन शुक्रवार को गठबंधन के लोगो का अनावरण नहीं करेगा। नए सुझावों को लागू करने के लिए लोगो का विमोचन स्थगित कर दिया गया है। बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से मुकाबला करने के लिए एक साझा एजेंडे पर निर्णय लेने की भी उम्मीद है। इसके साथ ही एक बयान जारी कर कहा गया है, “हम, इंडिया की पार्टियां, आगामी लोकसभा चुनाव जहां तक संभव हो मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं। विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू की जाएगी और लेन-देन की सहयोगात्मक भावना के साथ जल्द से जल्द संपन्न की जाएगी।”
हमारी ताकत से सरकार भयभीत
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष की बैठक में कहा कि भाजपा एजेंसियों पर पूर्ण नियंत्रण चाहती है। उन्होंने कहा कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का आधार बढ़ रहा है, ऐसे में भाजपा सरकार हमारे नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का ‘दुरूपयोग’’ करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी ताकत सरकार को ‘भयभीत’ कर रही है और इसी कारण मनमाने तरीके से अहम विधेयक लेकर आयी, हमारे सांसदों को निलंबित किया। खरगे ने कहा कि भाजपा, आरएसएस ने नौ वर्षों में जो ‘सांप्रदायिकता का जहर’ फैलाया है वह अब ट्रेन में यात्रियों, स्कूल के बच्चों के खिलाफ नफरत भरे अपराधों के तौर पर दिखाई दे रहा है।