राजस्थान: सीएम अशोक गहलोत को हाईकोर्ट का नोटिस

न्यायपालिक पर टिप्पणी करने के मामले में सीएम अशोक गहलोत के जयपुर हाईकोर्ट डिविजन बेंच ने नोटिस जारी किया है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने तीन अक्तूबर को सुनवाई की तारीख तय की है।

दरअसल, हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने न्यायपालिका पर टिप्पणी की थी। 30 अगस्त को मीडिया को दिए एक बयान में गहलोत ने कहा था कि न्यायपालिका भयंकर भ्रष्टाचार से जूझ रही है। मैंने सुना है कि कई वकील जो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं, अदालत से वही फैसला आता है। निचली या ऊपरी अदालतों में हालात बहुत गंभीर हैं। 

सीएम के इस बयान के विरोध में एडवोकेट एससी गुप्ता ने राजस्थान  हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। होईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर सीएम अशोक गहलोत को नोटिस जारी किया है। इस मामले को लेकर 3 सप्ताह बाद जयपुर हाईकोर्ट डिविजनल बेंच में सुनवाई होगी।   

बयान को लेकर गहलोत ने दी सफाई
बयान का विरोध होने पर सीएम गहलोत ने सफाई भी दी थी। 31 अगस्त को उन्होंने एक्स (ट्वीट) कर कहा कि मैंने ज्यूडिशियरी के करप्शन को लेकर जो कहा वो मेरी निजी राय नहीं हैं। मैंने हमेशा ज्यूडिशियरी का सम्मान और उस पर विश्वास किया है। समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट के अनेकों रिटायर्ड न्यायाधीशों और रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीशों तक ने ज्यूडिशियरी में भ्रष्टाचार पर टिप्पणयां की हैं और उस पर चिंता व्यक्त की है। मेरा न्यायपालिका पर इतना विश्वास है कि मुख्यमंत्री के रूप में जजों की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट कॉलेजियम के जो नाम हमारे पास टिप्पणी के लिए आते हैं, मैंने उन पर भी कभी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। मेरा स्पष्ट मानना है कि हर नागरिक को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और ज्यूडिशियरी पर विश्वास करना चाहिए। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा।

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